अस्सी घाट पर सफाई कर्मियों ने किया प्रदर्शन, लगा कूड़े का अम्बार, कहा- वेतन नहीं तो काम नहीं 

साल 2014 में जिस अस्सी घाट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश ही नहीं पूरे विश्व में स्वच्छता का अलख जगाया था गुरुवार को उसकी तस्वीर बदली-बदली सी नज़र आयी। घाट के हर कोने और मुख्य द्वार पर कूड़े का अम्बार नज़र आया। सुबहे बनारस के मंच पर गन्दगी दिखाई दी, जिसका कारण था सफाई कर्मियों का वेतन को लेकर दो दिनों से हड़ताल पर होना। झाड़ू न लगने और कूड़ा न उठने से घाट पर चारों तरफ कूड़ा दिखाई दे रहा है। 
 

रिपोर्ट : ओमकारनाथ 

वाराणसी। साल 2014 में जिस अस्सी घाट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश ही नहीं पूरे विश्व में स्वच्छता का अलख जगाया था गुरुवार को उसकी तस्वीर बदली-बदली सी नज़र आयी। घाट के हर कोने और मुख्य द्वार पर कूड़े का अम्बार नज़र आया। सुबहे बनारस के मंच पर गन्दगी दिखाई दी, जिसका कारण था सफाई कर्मियों का वेतन को लेकर दो दिनों से हड़ताल पर होना। झाड़ू न लगने और कूड़ा न उठने से घाट पर चारों तरफ कूड़ा दिखाई दे रहा है। 

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत काशी के सभी 84 घाटों पर सफाई कर्मियों की नियुक्ति नगर निगम ने प्राइवेट कंपनी द्वारा कर रखी है। इन कर्मियों को नवम्बर 2021 से वेतन नहीं मिला है। इससे आक्रोशित सफाई कर्मी हड़ताल पर हैं। 

इस सम्बन्ध में सफाईकर्मी मोनी ने बताया कि हमारी दो महीने से सैलेरी नहीं मिल रही है। विशाल कंपनी ने हमें रखा है, लेकिन अभी तक कोई हमसे पूछने भी नहीं आया है कि दो दिन से काम क्यों बंद हैं। हमें सेलेरी मिलेगी तभी हम काम करेंगे वरना नहीं करेंगे। वहीं एक अन्य सफाईकर्मी बृजेश ने कहा कि हम लोगों की सेलेरी नहीं दे रहे हैं, बस कर्मचारी वादा कर रहे हैं। हमलोग भुखमरी की कगार पर हैं। 

दूध वाला, राशन वाला कोई हमारी मदद नहीं कर रहा है। बृजेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नमामि गंगे बनवाया और सफाई के लिए गंगा घाटों के लिए कहा लेकिन वो भी हमारी सुध नहीं ले रहे हैं। पहले जो कंपनी थी उसमे 8500 मिलता था और इसमें सिर्फ 7500 मिलता है। उसमे भी वर्दी का पैसा काटा जा रहा है। बृजेश ने कहा कि यदि हमे सैलेर नहीं मिली तो हम आगे भूख हड़ताल करेंगे, सड़क का चक्काजाम करेंगे।

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