दक्षिण भारत के स्वर्ण व्यवसायी ने श्री काशी विश्वनाथ के गर्भगृह की दीवारों पर सोना चढ़वाने की जताई इच्छा 

विश्वनाथ धाम की सुंदरता महादेव के गर्भगृह का स्वर्ण मंडित शिखर है, जिसे विश्वनाथ धाम लोकार्पण के पहले विशेषज्ञों ने चमकाया है। इससे श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का स्वरुप देखते ही बनता है। इसके बाद अब मंदिर के गर्भगृह के अंदर की दीवारों के स्वर्ण मंडित होने की बारी है और इसके लिए दक्षिण भारत के एक स्वर्ण व्यापारी ने कमिश्नर दीपक अग्रवाल से इच्छा जताई है, जिसके बाद कमिश्नर के दिशा निर्देश पर कार्य योजना तैयार की जा रही है। 
 

वाराणसी। विश्वनाथ धाम की सुंदरता महादेव के गर्भगृह का स्वर्ण मंडित शिखर है, जिसे विश्वनाथ धाम लोकार्पण के पहले विशेषज्ञों ने चमकाया है। इससे श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का स्वरुप देखते ही बनता है। इसके बाद अब मंदिर के गर्भगृह के अंदर की दीवारों के स्वर्ण मंडित होने की बारी है और इसके लिए दक्षिण भारत के एक स्वर्ण व्यापारी ने कमिश्नर दीपक अग्रवाल से इच्छा जताई है, जिसके बाद कमिश्नर के दिशा निर्देश पर कार्य योजना तैयार की जा रही है। 

19वीं सदी में महाराजा रणजीत सिंह ने इस मन्दिर पर स्वर्ण शिखर लगवाया था।  यह स्वर्ण शिखर वक़्त के साथ धूमिल हुआ पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पहले यह एक बार फिर पुरानी आभा के साथ दमक उठा। अब मंदिर के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो दक्षिण भारत से मंदिर का दर्शन करने पहुंचे एक स्वर्ण व्यापारी ने मंदिर के अंदर की दीवारें जो आरती की वजह से जगह-जगह काली पड़ गयी हैं, को स्वर्ण मंडित करवाने की इच्छा जताई है। 

व्यवसायी ने मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल से सम्पर्क कर अपनी इच्छा रखी। इसके बाद मंडलायुक्त के आदेश पर कार्ययोजना तैयार करायी जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक कई वर्ष पूर्व गर्भगृह के अंदर स्वर्ण पत्र लगाने का 50 करोड़ का इस्टीमेट बना था। तब आईआईटी बीएचयू के विशेषज्ञों ने दीवारों को अतिरिक्त भार सहने योग्य नहीं माना था। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि स्वर्ण मंडित कराने के संबंध में सर्वे चल रहा है।