किसान पाठशाला में ADO एग्रीकल्‍चर ने दी सलाह- रसायनि‍क खाद को छोड़ जैवि‍क खाद का करें प्रयोग, बढ़ेगी पैदावार

कम लागत में अधिक उत्पादन करने के लिए किसान आधुनिक तकनीक अपनाए। उर्वरकों के अंधाधुन प्रयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। किसान जैविक खादों का प्रयोग करें तो जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ उत्पादन भी बढ़ेगी। उक्त बातें मंगलवार को चिरईगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत गौरडीह में आयोजित किसान पाठशाला में पहुंचे एडीओ एजी कैलाश मौर्य ने कही। द मिलियन फार्मेसी के तहत कृषि विभाग द्वारा यह दो दिवसीय किसान पाठशाला आयोजित की गई।
 

वाराणसी। कम लागत में अधिक उत्पादन करने के लिए किसान आधुनिक तकनीक अपनाए। उर्वरकों के अंधाधुन प्रयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। किसान जैविक खादों का प्रयोग करें तो जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ उत्पादन भी बढ़ेगी। उक्त बातें मंगलवार को चिरईगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत गौरडीह में आयोजित किसान पाठशाला में पहुंचे एडीओ एजी कैलाश मौर्य ने कही। द मिलियन फार्मेसी के तहत कृषि विभाग द्वारा यह दो दिवसीय किसान पाठशाला आयोजित की गई।

उन्होंने उर्वरक जल प्रबंधन, कीट रोग प्रबन्धन, कीट रोग नियंत्रण पर विस्तृत जानकारी देते हुए किसानों को बताया कि खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की पराली जलाने से किसानों को बचना चाहिए।बल्कि खेत की जुताई कर पानी भर देना चाहिए और उसमें बी कम्प्रोजन लिक्विड डालना चाहिए जिससे पराली सड़कर खाद हो जाती है।

विकास खण्ड के गौरडीह, सिरिस्ति, मोकलपुर, नरायनपुर, तातेपुर, उमरहा, रैपुरा, अमरपट्टी किसान पाठशाला में किसानों को कोरोना काल में खेती करते समय  अपनाई जाने वाली सावधानियां, खरीफ फसल प्रबन्धन, विभिन्न योजनाओं के तहत कृषको को देय सुविधाएं, किसानों की आय बढ़ाने, आधुनिक खेती अपनाने की जानकारी दी गई।