विद्युत विभाग की लापरवाही से कभी भी हो सकता है फुलवरिया स्थित पुरषोत्तमपुरी कालोनी में बड़ा हादसा

विद्युत विभाग की लापरवाही से सैकड़ों लोग वाराणसी के फुलवरिया इलाके में रोज़ाना डर के साये में जी रहे हैं। तस्वीरें में दिख रहा तार किसी वजह से गली में इस तरह नहीं लटक रहा बल्कि विद्युत विभाग की लापरवाही का नतीजा है। लोगों के घरों में कनेक्शन तो हुआ है पर तारों को व्यस्थित तरीके से उनके घरों तक नहीं पहुँचाया गया। 
 

रिपोर्ट : राजेश अग्रहरि 

वाराणसी। विद्युत विभाग की लापरवाही से सैकड़ों लोग वाराणसी के फुलवरिया इलाके में रोज़ाना डर के साये में जी रहे हैं। तस्वीरें में दिख रहा तार किसी वजह से गली में इस तरह नहीं लटक रहा बल्कि विद्युत विभाग की लापरवाही का नतीजा है। लोगों के घरों में कनेक्शन तो हुआ है पर तारों को व्यस्थित तरीके से उनके घरों तक नहीं पहुँचाया गया। 

इसके अलावा बिजली विभाग के खम्भे पर ऐसा मकड़ जाल है की यदि किसी एक की लाइट खराब हो तो सभी की लाइट काटनी पड़े और तार में फाल्ट ढूंढने में भी मशक्कत करनी पड़े। 

इस सम्बन्ध में स्थानीय निवासी दीपक तिवारी ने बताया कि बिजली विभाग की लापरवाही से पुरषोत्तमपुरी कालोनी, फुलवरिया थाना कैंट में पिछले 15 सालों से लोग डर के साये में जी रहे हैं। हमेशा अधिकारियों, स्थानीय जेई से इस बाबत शिकायत की गयी पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। तार गलियों में इतनी नीचे लटक रहा है कि आने जाने वाले के सर में छू जाए पर विभाग के लोगों के कानों में जूं नहीं रेंगती। 

वहीं स्थानीय निवासी मक़सूद अहमद एडवोकेट ने बताया कि विभागीय लापरवाही का दंश हम लोग पिछले 30 वर्षों से झेल रहे हैं। एक भी घर की बिजली यदि शॉट करती है तो पूरी कालोनी में अँधेरा हो जाता है। बार-बार शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है बिजली विभाग। यहां तारों का मकड़जाल तो है ही साथ ही इतना निचे से गुज़रा है ये तारा की हर समय अनहोनी की आशंका बनी रहती है। 

भुवनेश्वर तिवारी ने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारी आते हैं देख कर चले जाते हैं। उनसे जब शिकायत की जाती है तो वो कहते हैं की जल्द ही समाधान होगा। बिजली का कनेक्शन रोज़ हो रहा है पर लटकते हुए तारों का कोई समाधान है। वहीं राजू रावत ने बताया कि बिजली का तर बस इतनी ही नीचे है कि यदि 6 फुट का इंसान आ जाए तो उसके सर में लड़ेगा। बच्चे स्कूल जाते हैं तो डर लगा रहता है कि कहीं तारा टूटकर गिर ना जाए को अनहोनी न हो जाए। 

स्थानीय निवासी विभा ने बताया कि तारों के मकड़जाल से इतनी दिक्कत है कि यदि एक व्यक्ति की लाइट कटती है तो उसे बनाने आने के लिए मिस्त्री पहले तो नाटक करता है और जब आता है तो एक बनाकर दस की लाइट खराब कर देता है। फिर 500 रुपया दीजिये फिर बनती है लाइट। एक ही खम्भे से ज़्यादातर को दे दी गयी है लाइट जिससे दिक्कत हो रही है।

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