मकर संक्रांति के पुण्य मुहूर्त में गंगा तट पर उमड़े श्रद्धालु, लगाई आस्था की डुबकी 

ज्योतिष के अनुसार, इस साल सूर्य का धनु से मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 8.49 बजे हुआ, जिस कारण धर्म शास्त्रीय निर्णय अनुसार सूर्यास्त के बाद सूर्य की मकर राशि में संक्रांति होने पर पुण्यकाल अगले दिन मान्य हुआ। इस मुहूर्त को देखते हुए 15 जनवरी को आस्थावानों ने गंगा में पुण्यकाल में डुबकी लगाई। काशी के सभी 84 घाटों पर श्रद्धालु स्नान-दान करते देखे गए। 
 

वाराणसी। ज्योतिष के अनुसार, इस साल सूर्य का धनु से मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 8.49 बजे हुआ, जिस कारण धर्म शास्त्रीय निर्णय अनुसार सूर्यास्त के बाद सूर्य की मकर राशि में संक्रांति होने पर पुण्यकाल अगले दिन मान्य हुआ। इस मुहूर्त को देखते हुए 15 जनवरी को आस्थावानों ने गंगा में पुण्यकाल में डुबकी लगाई। काशी के सभी 84 घाटों पर श्रद्धालु स्नान-दान करते देखे गए। 

इस दौरान कोरोना का खौफ भी कहीं नहीं दिखाई दिया और न ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन होता दिखा।

काशी के प्राचीन दशाश्‍वमेध घाट के साथ ही सभी 84 घाटों पर आस्थावानों का रेला सुबह से ही नजर आया और लोगों ने गंगा स्‍नान करने के साथ ही दान पुण्‍य भी किया। वहीं सुबह बाबा दरबार में भी दर्शन पूजन का दौर चल रहा है। इस दौरान गंगा घाट से लेकर सड़कों तक पुलिस मुस्तैद दिखी। वहीं डेढ़सी पुल के पास मौजूद खिचड़ी बाबा मंदिर पर आज के दिन खिचड़ी का प्रसाद लेने के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा। 

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