एयरपोर्ट सुरक्षा में लगे CISF के जवान सीखा रहे विश्वनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को चेकिंग और सुरक्षा के गुर 

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में परिसर के प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री इसका लोकार्पण आगामी 13 दिसंबर को करेंगे। इसके पहले इस कॉरिडोर की सुरक्षा को अभेद्य करने का खाका सुरक्षा एजेंसियों ने खींच लिया है। यहां सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को कॉरिडोर में लगे नए सुरक्षा उपकरणों को सुचारू रूप से संचालित करने और प्रोफेशनल तरीके से चेकिंग करने में सक्षम बनाने की ज़िम्मेदार लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को दी गयी है। 
 

वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में परिसर के प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री इसका लोकार्पण आगामी 13 दिसंबर को करेंगे। इसके पहले इस कॉरिडोर की सुरक्षा को अभेद्य करने का खाका सुरक्षा एजेंसियों ने खींच लिया है। यहां सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को कॉरिडोर में लगे नए सुरक्षा उपकरणों को सुचारू रूप से संचालित करने और प्रोफेशनल तरीके से चेकिंग करने में सक्षम बनाने की ज़िम्मेदार लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को दी गयी है। 

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि CISF के साथ 7 दिवसीय कैप्सूल पाठ्यक्रम के लिए 25-25 पुलिसकर्मियों के अलग-अलग बैच बनाए गए हैं। पहले बैच का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। पुलिसकर्मियों की दक्षता की जांच धाम क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे उपकरणों और गैजेट्स के परीक्षण की शुरूआत के साथ की जाएगी। नई सुरक्षा योजना की जांच के बाद अनुमोदन के लिए उसे काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी सुरक्षा की स्थायी समिति को भेजा जाएगा।

पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में लगाने के लिए उन्नत डोर-फ्रेम मेटल डिटेक्टर (DFMD), हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टर (HHMD), महिला फ्रिस्किंग बूथ और एक्स-रे बैगेज स्कैनर सहित सभी उपकरण आ गए हैं और उनकी स्थापना भी शुरू हो गई है। DFMD और महिला फ्रिस्किंग बूथ धाम के सभी इंट्री प्वाइंट पर लगाए जा रहे हैं। वहीं, एक्स-रे बैगेज स्कैनर परिसर में तीर्थ सुविधा केंद्रों के इंट्री प्वाइंट पर लगाए जा रहे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद सहित धाम के एक-एक कोने और उसके आसपास के क्षेत्र की निगरानी के लिए विशाल सीसीटीवी नेटवर्क की स्थापना का काम प्रगति पर है।

मंदिर की सुरक्षा के पुराने नियंत्रण कक्ष को तोड़े जाने के बाद मौजूदा नेटवर्क की निगरानी अस्थायी कार्यालय से की जा रही है। धाम के अंदर सुरक्षा नियंत्रण कक्ष का नया भवन जनवरी के मध्य तक बनकर तैयार हो जाने के बाद वहां से निगरानी की जाएगी। 

बता दें कि 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन की शुरूआत के साथ काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर को अति संवेदनशील स्थल घोषित किया गया था। अति संवेदनशील स्थल होने के कारण ही यहां CRPF, पुलिस व पीएसी के जवान सीसीटीवी व सुरक्षा उपकरणों के एक बड़े नेटवर्क के अलावा पॉवर स्लाइडिंग गेट, बम निरोधक दस्ते और अग्निशमन विभाग की एक टुकड़ी के साथ चौबीसों घंटे अतिरिक्त सतर्कता के साथ मुस्तैद रहते हैं।