सेवानिवृत्त होने पर डॉ भारद्वाज का नवसृजन साहित्यिक संस्था ने किया अभिनन्दन

 


हरिद्वार, 4 नवंबर (हि.स.)। नव सृजन साहित्यिक संस्था रुड़की ने संस्कृत शिक्षा निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए डॉ आनंद भारद्वाज का अभिनंदन समारोह आयोजित किया, जिसमें शिक्षा जगत के गणमान्य एवं विभिन्न शिक्षक संघों से जुड़े पदाधिकारी व साहित्यकार शामिल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर के वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र कुमार सैनी ने तथा संचालन शायर पंकज त्यागी असीम ने किया।

मुख्य अतिथि के के रूप में पधारे राज्य मंत्री श्याम वीर सैनी, साहित्यिक संस्था की अध्यक्ष डॉक्टर शालिनी जोशी पंत, डॉक्टर दिनेश त्रिपाठी, खंड शिक्षा अधिकारी अभिषेक शुक्ला, शिक्षक नेता डॉ. अनिल शर्मा एवं विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के उपकुलपति डॉ श्री गोपाल नारसन ने मॉं सरस्वती की मूर्ति के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारम्भ किया।

उल्लेखनीय है कि डॉ आनंद भारद्वाज ने एक शिक्षक के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत करके खंड शिक्षा अधिकारी, जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी के पायदानों को छूते हुए अंत निदेशक संस्कृत शिक्षा उत्तराखंड के पद को शोभायमान किया है।

डॉ श्रीगोपाल नारसन ने डॉ आनंद भारद्वाज के संदर्भ से अपने कुछ मधुर संस्मरणों को साझा किया तथा उन्होंने डॉ भारद्वाज विषयक रचना भी प्रस्तुत की। डॉ आनंद भारद्वाज की सुपुत्री डॉ वंदना भारद्वाज ने अपने पिता के ऊपर बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई। संस्था की अध्यक्ष डॉक्टर शालिनी जोशी पंत ने अपनी एक रचना के माध्यम से डॉ आनंद भारद्वाज के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को रेखांकित किया। डॉं. दिनेश त्रिपाठी व रुड़की तथा भगवानपुर के खंड शिक्षा अधिकारी शुक्ला ने उन्हें एक कुशल एवं सफल अधिकारी बताया।

मुख्य अतिथि राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी ने डॉ आनंद भारद्वाज के द्वारा शिक्षा और विशेष कर संस्कृत शिक्षा में किए गए उल्लेखनीय कार्यों की प्रशंसा की।कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर के वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र कुमार सैनी ने तथा संचालन शायर पंकज त्यागी असीम ने किया।

इस अवसर पर घनश्याम गुप्ता, दीपक शर्मा, सतीश सालार, लोकेश कुमार, नवीन शरण निश्चल, विवेक सैनी, अरुण शर्मा, पवन सैनी, अनिल पांडेय, डॉ शिवा अग्रवाल, अजय शर्मा, श्रीकांत शर्मा, कमल कौशिक, डॉ नवीन शर्मा, डॉ ऋतु शर्मा, डॉ वंदना शर्मा, डॉ अर्पित शर्मा, डॉ दिव्यांश आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला