डायट बड़कोट में हस्तशिल्प प्रशिक्षण, शिक्षकों ने सीखा हुनर

 




उत्तरकाशी, 21 दिसंबर (हि.स.)। डायट बड़कोट में आयोजित पीरूल हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम रविवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया । यह प्रशिक्षण शिक्षकों को स्थानीय संसाधनों के रचनात्मक उपयोग से जोड़ने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) बड़कोट, उत्तरकाशी में इस प्रशिक्षण में जनपद उत्तरकाशी के सभी विकासखंडों के कुल 25 कला अध्यापकों ने प्रतिभाग किया है।

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को पीरूल से विभिन्न उपयोगी एवं आकर्षक हस्तशिल्प उत्पादों जैसे - टी -कोस्टर, बास्केट, पेन स्टैंड, बैच, प्लेंटर, सर्विग ट्रे आदि के निर्माण का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण के समापन अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक गोपाल सिंह राणा ने कहा कि पीरूल जैसी वन अपशिष्ट सामग्री का सदुपयोग वनाग्नि की समस्या को कम करने के साथ-साथ स्थानीय आजीविका के नए अवसर भी सृजित कर सकता है।

इस दौरान प्रभारी प्राचार्य डॉ. सुबोध सिंह बिष्ट ने प्रतिभागी शिक्षकों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण में अर्जित ज्ञान एवं कौशल को विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों तक पहुँचाएँ, जिससे उनमें रचनात्मकता, श्रम-सम्मान और पर्यावरणीय चेतना का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में वर्णित कौशल आधारित एवं स्थानीय ज्ञान से जुड़ी शिक्षा की अवधारणा के अनुरूप है।

कार्यक्रम में प्रशिक्षक की भूमिका में विनोद कुमार और मीमा डबराल रहे| प्रतिभागी शिक्षकों ने प्रशिक्षण को व्यावहारिक बताते हुए भविष्य में ऐसे और प्रशिक्षण आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। प्रशिक्षण के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए ।

हिन्दुस्थान समाचार / चिरंजीव सेमवाल