नारीत्व और प्रकृति की अद्भुत सुंदरता की हृदयस्पर्शी कहानी है 'वीमेन ऑफ मुनस्यारी'
देहरादून, 09 मार्च (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रसिद्ध फिल्मकार भारतबाला की फिल्म वीमेन ऑफ मुनस्यारी रिलीज हुई। यह फिल्म मुनस्यारी की महिलाओं की अदम्य आत्मशक्ति और जंगल की दिव्य चेतना के मध्य एक अलौकिक संबंध की मनोरम कथा है।
वीमेन ऑफ मुनस्यारी नारीत्व और प्रकृति की अद्भुत सुंदरता की एकता को अनावृत्त करती एक हृदयस्पर्शी कहानी है। यह फिल्म उत्तराखंड सीरीज की फिल्मों की श्रृंखला में नवीनतम पेशकश है, जो वर्चुअल भारत और रूरल इंडिया सपोर्टिंग ट्रस्ट (आरआईएसटी) के बीच सहयोग से निर्मित है। फिल्म में अभिनय करने वाले मुख्य कलाकार कमला पांडेय, बीना नितवाल, हीरा टोलिया, बसंती रावत, बीना वर्मा, और मलिका विर्दी हैं। फिल्म की निर्देशक रचिता गोरोवाला और क्रिएटर भारतबाला हैं।
मुनस्यारी की महिलाओं के लिए मुनस्यारी के मनमोहक जंगल उनका मायका है। ये महिलाएं इन अलौकिक वनों की संरक्षकों के रूप में यहां विचरण करती हैं। जंगलों की ये प्रहरी महिलाएं मानो यहां के शापित जल और रूढ़िवादिता की जंजीरों से प्रेरणा और जीवन-शक्ति प्राप्त करती हैं। ऐसा प्रतीत होता है जैसे मुनस्यारी के जंगलों की दिव्य चेतना से आशीर्वादित हों ये प्रहरी महिलाएं।
मुनस्यारी की महिलाएं इन पहाड़ों में 100 वर्ष से अधिक समय से प्रचलित वनपंचायत (ग्राम वन परिषदों की एक अद्वितीय प्रणाली) की रक्षा करती हैं। श्रमदान के माध्यम से जल स्त्रोतों और घास के मैदानों का रख-रखाव करती हैं। उन्हें भली-भांति पता है कि जंगल की समृद्धि उनके अपने अस्तित्व से अलंघनीय रूप से जुड़ी हुई है।
नारीत्व और शक्ति की गाथा-
भारत बाला की यह प्रस्तुति मुनस्यारी की महिलाओं से प्रेरित उनकी महिमा का गौरवपूर्ण उद्धोष है। यह फिल्म उत्तराखंड सीरीज की वीमेन ऑफ अल्मोड़ा और नोमैड्स लैंड वन गुज्जर्स की प्रशंसित कहानियों की विरासत को आगे बढ़ाती है।
भावपूर्ण कलाकृति-
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रिलीज हुई वीमेन ऑफ मुनस्यारी महिलाओं की असीम अंतरात्मा और जीवट को नमन है। फिल्म महिलाओं और प्रकृति के बीच के अद्वितीय, अकाट्य बंधन को समर्पित एक भावपूर्ण कलाकृति है।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज