सामाजिक उत्थान के लिए कार्य करना सर्वोत्तम कार्य है: मिलिंद परांडे

 




हरिद्वार, 29 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद के सेवा प्रकल्प वात्सल्य वाटिका के रजत जयंती समारोह के दूसरे दिन भव्य समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे, साध्वी ऋतंबरा, पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने संयुक्त रूप से किया।

समारोह में मिलिंद परांडे ने कहा कि समाजिक उत्थान का कार्य करना सर्वोत्तम कार्य है, क्योंकि समाज के उत्थान से देश का उत्थान होगा और भारत विश्व गुरु बनेगा। विश्व हिन्दू परिषद ने भी सम्पूर्ण समाज के उत्थान का संकल्प लिया है, जिसकी पूर्ति के लिए आज देशभर में 5000 हजार से अधिक सेवा कार्य चल रहें हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सेवा लेने से अधिक सेवा देने का मन होना चाहिए और प्रयास कर बनना भी चाहिए। व्यक्ति का चरित्र राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत होना चाहिए। देश, धर्म और समाज के प्रति कुछ कर गुजरने का भाव प्रत्येक व्यक्ति के अंदर समाहित होना चाहिए।

साध्वी ऋतंबरा ने वात्सल्य वाटिका को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सेवा संकल्प की साधना का वात्सल्य वृक्ष आज फलित हो गया है। यहां से रोजगार उन्मुख पालन पोषण सिंचित चरित्रवान नवयुवक आज समाज की सेवा के माध्यम से नेतृत्व करने को निकल रहे हैं। उन्होंने हिंदुत्व के पुरोधा और हिन्दू संगठन के पैरोकार अशोक सिंघल को याद करते हुए कहा कि उन्होंने देश के समस्त संतों के साथ हिन्दू समाज को एक मंच पर एकत्र कर श्रीराम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। अशोक सिंघल की प्रेरणा से ही विश्व हिन्दू परिषद का सेवा प्रकल्प वात्सल्य वाटिका की स्थापना हुई थी।

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वात्सल्य वाटिका जैसे सेवा प्रकल्प समाज की सहयोगी चरित्र का वास्तविक दर्शन हैं। उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल के विराट व्यक्तित्व, समाज के लिए सेवा भाव, समर्पण, धर्म परायणता का दर्शन वात्सल्य वाटिका में दर्शित होता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी संतान को संपत्ति नहीं संस्कार देने चाहिए। आज धर्म के नाम पर भारतीय संस्कृति को दबाने और कुचलने के षडयंत्र नहीं चलने वाले हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/वीरेन्द्र