कुलपति ने राज्यपाल को श्री देव सुमन विवि के विकास कार्यों की दी जानकारी

 


- कुलपति प्रो एनके जोशी ने राजभवन में राज्यपाल से की मुलाकात

नई टिहरी, 14 मार्च (हि.स.)। श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने गुरुवार को राजभवन में कुलाधिपति राज्यपाल लेज (सेनि) गुरमीत सिंह से मुलाकात कर विवि के कार्यक्रमों की जानकारी दी। इसके साथ ही विवि के हित में नवाचार और अवस्थापना विकास को लिए गये निर्णयों की भी जानकारी दी।

राज्यपाल से मुलाकात कर प्रो. जोशी ने विगत एक वर्ष में विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट कार्यों को सामने रखा जिसमें विवि एवं परिसर ऋषिकेश में हो रहे निर्माण कार्यों की प्रगति एवं विवि द्वारा स्थापित विभिन्न सेलों द्वारा किये गये कामों का विवरण शामिल रहा। उन्होंने बताया कि विवि मुख्यालय और ऋषिकेश परिसर में शैक्षणिक एवं प्रशासनिक भवन एवं अन्य निर्माणाधीन कार्य शामिल हैं। विवि के ऋषिकेश परिसर के आडिटोरियम का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। विद्यार्थियों के लिए परीक्षा हाल का निर्माण कार्य एवं विज्ञान संकाय ब्लाक का कार्य निर्माणाधीन है। सम्पूर्ण परिसर के नवीनीकरण का कार्य प्रगति पर है। विश्वविद्यालय मुख्यालय में कुलसचिव कार्यालय ब्लाक के अग्रभाग में रिक्त पड़ी भूमि पर प्री-फ्रेबीकेडेट हाल का निर्माण कार्य, पार्किंग स्थल का निर्माण कार्य तथा विवि के भव्य प्रवेश द्वार का कार्य गतिमान है। विवि को विश्वविद्यालय अवस्थापना विकास के लिए मिले 21.04 करोड़ की जानकारी भी दी गई जिसके तहत शैक्षणिक एवं प्रशासनिक ब्लाक का निर्माण, लैक्चर रूम एवं लाइब्रेरी रूम निर्माण, प्रोफेसर रूम, फैकल्टी रूम, गैर शिक्षण कर्मचारी के लिए कार्यालय एवं रिकार्ड रूम निर्माण, रिशेप्शन एवं कैंटीन ब्लाक, सूचना डेस्क निर्माण, ट्रांजिट होस्टल निर्माण तथा कुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक एवं मुख्य वित्त अधिकारी हेतु आवासीय भवनों का निर्माण कार्य आदि शामिल हैं। विवि परिसर ऋषिकेश की रेलवे रोड स्थित 1.90 एकड़ भूमि, जो कि कुछ लोगों द्वारा कई वर्षों से अवैध रूप से कब्जाई थी, को कब्जा मुक्त कराने की सूचना से भी अवगत कराया। विवि परिसर ऋषिकेश में स्थापित विभिन्न सेलों के अन्तर्गत भारतीय ज्ञान परस्परा उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना एवं कार्ययोजनाओं को लेकर विस्तार से बताया। विवि द्वारा नवाचार की दिशा में पेटेंट सेल एवं उच्च इम्पेक्ट फैक्टर वाले शोध जर्नलस में अपने शोध पत्र प्रकाशित करने वाले संकाय सदस्यों तथा विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने को लेकर जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल//प्रभात