उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार ने की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता
-विद्यालय ने सर्वोत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया है, श्री दर्शन महाविद्यालय ने प्राप्त किया वैजयंती पुरस्कार
ऋषिकेश, 09 नवम्बर (हि.स.)। श्री दर्शन महाविद्यालय में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में विद्यालय ने सर्वोत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए विद्यालय परिवार को चल वैजन्ती पुरस्कार प्रदान किया गया है।
विद्यालय के प्रबन्धक संजय शास्त्री ट्रस्ट के अध्यक्ष वंशीधर पोखरियाल विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राधामोहन दास ने सभी प्रतिभागियों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया। विद्यालय के कनिष्ठ वर्ग में आशुभाषण प्रतियोगिता में तृतीय स्थान वंश भट्ट ने श्लोकोच्चारण में द्वितीय स्थान आदित्य राज पाण्डेय वाद विवाद में तृतीय स्थान आयुष सिल्स्वाल आदित्य बिजल्वाण ने प्राप्त किया |
संस्कृत नाटक कनिष्ठ वर्ग में द्वितीय स्थान विद्यालय ने प्राप्त किया इस प्रतियोगिता में वाशु भट्ट , देवांश, गणेश नौटियाल, वंश भट्ट, आयुष सिल्स्वाल, आदित्य प्रकाश, अंशुल पाण्डेय, आर्यन कंसवाल, राघव बेंजवाल, सुमित पेटलाव, आदि प्रतिभागी सम्मिलित थे। वरिष्ठ वर्ग में आशुभाषण प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान यश शंकर ने प्राप्त किया।
संजय शास्त्री ने कहा कि प्रतियोगिता छात्रों का सर्वांगीण विकास करती है। छात्र का मनोबल बढ़ाती है मस्तिष्क का विकास करती है ऐसे आयोजन समय समय पर सभी विद्यालयों द्वारा आयोजित किए जाने चाहिए ताकि प्रत्येक छात्र ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित हो। आशीष जुयाल के निर्देशन में सभी प्रतिभागियों को एवं दल शिक्षक मुकेश बहुगुणा , सुशील कुमार नौटियाल एवं विद्यालय के सभी आचार्यों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान करता हूं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के समस्त संस्कृत विद्यालय शासकीय एवं अशासकीय इण्टर कालेजों की हरिद्वार में राज्य स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जो दो वर्गों में कनिष्ठ और वरिष्ठ वर्ग में विद्यालय के छात्रों ने 6 प्रतियोगिताओं में सम्मान जनक स्थान प्राप्त किया है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी अध्यापकों एवं प्रतिभागी छात्र छात्राओं को साधुवाद दिया है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में सत्येश्वर प्रसाद डिमरी, कमल डिमरी, शान्ति प्रसाद मैठाणी, सीमा , अनूप रावत, हर्षानंद उनियाल, पूर्णानंद सिल्स्वाल , हरीश सिल्स्वाल , गोपी सिल्स्वाल , प्यारेलाल तिवाडी आदि उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/विक्रम
/रामानुज