माघ मेला में गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों के गीतों पर झूमे दर्शक
-नेगी दा गीत सुद्दी त क्वी नी देखदुं कै सैंणी.... पर थिरके
उत्तरकाशी, 20 जनवरी (हि.स.)। माघ मेला बाडाहाट कू थौलू के छठवीं सांस्कृतिक सांध्य में गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों की शानदार प्रस्तुति ने मेले में आये लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जय भोले भंडारी भजन से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद बोल त्वे ते क्या जी बोलु.., भलु लगदू भनुलि तेरू मठू मठू हिटण.., हिमंवत देश होला..., त्रिजुगीनारायण.., सुद्दी त् क्वी नी देखदुं कै सैंणी, सुरक खिड़की खोली’ .., मेला खोल्यों मां, थौला रौल्यूं मा, सजी धजी जाणी होली…, सल्याणी स्याली सर.., जैसे गीतों की बेहतरीन प्रस्तुति दी। लोक अनिल बिष्ट हुंगरा लगौंदी भग्यानि नाक की नथुली.., की प्रस्तुति दी। नेगी दा के साथ गायिका ऊषा नेगी, प्रतीक्षा बमराडा, शिवानी नेगी, रोशनी नेगी नें सरग तारा जुन्याली रात… सहित कई गीतों की प्रस्तुति दी और सहयोग किया। कार्यक्रम में मंच का संचालन गणेश खुगशाल गणी ने किया।
इस अवसर पर गंगोत्री क्षेत्र के विधायक सुरेश चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, क्षेत्र पंचायत प्रमुख भटवाड़ी श्रीमती विनीता रावत, मोरी प्रमुख बचन सिंह पंवार, डुंडा प्रमुख शैलेंद्र सिंह कोहली, अपर मेला अधिकारी वृजेश तिवारी, जिला पंचायत सदस्य प्रदीप कैन्तूरा, मनीष राणा, शशी कुमाई, मनोज मिनान, रवीन्द्र, मधु , दिनेश भटवान, कोतवाली प्रभारी दिनेश कुमार, अजय सिंह, सहित अन्य लोग मौजूद थे।
नेगी दा के गीतों को सुनने उमडी भीड़-
उत्तराखंड के वो लोकगायक जिन्होंने उत्तराखंडी लोकसंगीत को देश-विदेश में पहचान दिलाई। उत्तराखंडी लोक संगीत और लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी एक दूसरे के पर्याय हैं। उनकी गिनती उत्तराखंड के लीजेंड्स में होती है। पलायन, बुजुर्गों का दर्द, पहाड़ की पीड़ा और यहां के लोकजीवन के ऐसे तमाम अनछुए पहलुओं को लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने गीतों के माध्यम से जनता के सामने रखा। 71 साल की उम्र में भी लाखों लोगों के दिलों में आज भी राज करते हैं।
माघ मेले में नेगी दा को सुनने लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिस कारण पूरा रामलीला मैदान में पंडाल दर्शकों से खचाखच भरा था।
हिंदुस्थान समाचार/चिरंजीव सेमवाल
/रामानुज