उत्तराखण्ड संस्कृत विवि छात्र चढ़े छत पर, कूदकर जान देने की धमकी दी

 


हरिद्वार, 01 मई (हि.स.)। उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में धांधली व घोटालों का आरोप लगाते हुए बुधवार कुछ छात्र पुस्तकालय की छत पर चढ़ गए। इस दौरान छात्रों ने छत से कूदकर जान देने की धमकी दी। छात्रों ने विश्वविद्यालय में पिछले नौ महीने में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली, एचओडी खोटाला समेत बहुत से नियम के विरुद्ध कार्य कुलपति द्वारा किए जाने का आरोप लगाया।

आरोप है कि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में सत्र 2023-24 पीएचडी प्रवेश परीक्षा में अनेक प्रकार की अनियमितता की गई है। एसटी आरक्षण को ध्यान में न रखकर एसटी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और विश्वविद्यालय के परंपरागत छात्रों के लिए 60 प्रतिशत एवं परिसर छात्रों के लिए 20 प्रतिशत वरीयता के नियम का उल्लंघन किया गया। इसको लेकर छात्रों ने आंदोलन एवं कई बार शिकायत की, जिस कारण से 20 सितम्बर 2023 को कुलपति के अनुमोदन पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पीएचडी प्रवेश पर तत्काल रोक लगा दी गई थी। साथ ही पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया की जांच के लिए शिकायत निवारण कमेटी बनाई गई। शिकायत निवारण कमेटी पर भी छात्रों द्वारा अनेकों आपत्तियां दी गईं, परन्तु उन आपत्तियों पर कोई विचार नहीं किया गया।

छात्रों का आरोप है कि कमेटी के निर्णय भी को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया। 30 अप्रैल को कुलपति के अनुमोदन पर पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया पर रोक के आदेश को निरस्त कर दिया गया। आरोप लगाया कि इसी सत्र में कुलपति द्वारा अपने निजी परिचितों को लाभ पहुंचाने एवं मनमाने निर्णय लेने के लिए नियम के विरुद्ध विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्षों को बदला गया। विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्षों को बदलने के लिए गोपनीय दस्तावेजों में ऊपर से कागज चिपका कर हाथ से लिखकर नियम बदला गया और उसी फर्जी नियम के आधार पर विभागाध्यक्षों को बदला गया, जिसके प्रमाण छात्रों के पास उपलब्ध हैं। छात्रों का आरोप है कि इन सभी कारणों से पिछले 9 महीनों से छात्रों द्वारा अनेक बार आंदोलन किए, परन्तु विश्वविद्यालय द्वारा कोई भी समाधान नहीं किया गया। जिससे आजिज आकर बुधवार को छात्रों ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय की छत पर चढ़ गए। इसके पश्चात भी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव कोई भी प्रशानिक अधिकारी छात्रों से मिलने नहीं आएं।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/सत्यवान/वीरेन्द्र