उत्तर प्रदेश पर उत्तराखंड वन निगम का 563 करोड़ रुपये बकाया, वित्त मंत्री ने पत्राचार के निर्देश

 


देहरादून, 6 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश के वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा परिसर के सभागार में पुनर्गठन, वन निगम, ऊर्जा एवं सिंचाई समेत अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड राज्य को मिलने वाली शेष संपत्तियों व हिस्सेदारी संबंधी मामलों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

वित्त मंत्री ने वन निगम से संबंधित मामलों की समीक्षा के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश की ओर से उत्तराखंड वन निगम को 563 करोड़ रुपये (99 करोड़ मूल राशि एवं वर्ष 2017 तक का ब्याज 464 करोड़) दी जानी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश से निरंतर पत्राचार किया जाए। वहीं उत्तर प्रदेश के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर लेनदारी मामलों के निपटारे के लिए लगातार प्रयास किए जाएं। वित्त मंत्री ने ऊर्जा विभाग से संबंधित मामलों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि जेपी प्रोजेक्ट (जयप्रकाश प्रोजेक्ट) के शेष रुपये 10 करोड़ लिए जाने के लिए उत्तर प्रदेश के संबंधित अधिकारियों को निरंतर पत्राचार करें तथा त्वरित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

भूमि से संबंधित मामलों की समीक्षा के दौरान पुनर्गठन मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार स्थित 615 हेक्टेयर भूमि जो उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को मिल गई है, उसके शासनादेश के संबंध में कार्यवाही की जाए। इसके अलावा मंत्री ने कहा कि हरिद्वार स्थित 697 हेक्टेयर भूमि जिस पर उत्तर प्रदेश का स्वामित्व है और उत्तराखंड की ओर से मेले आदि अवसरों पर उत्तर प्रदेश से अनुमति के उपरांत ही प्रयोग में लाई जाती है, उत्तराखंड के लिए बेहद उपयोगी है। लिहाजा इस 697 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व पाने के लिए भी निरंतर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

वहीं उन्होंने निर्देश दिए कि उत्तराखंड के जनपद उधमसिंह नगर क्षेत्रांतर्गत 232 हेक्टेयर भूमि के संपूर्ण हिस्से को भी उत्तर प्रदेश से प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने उत्तराखंड के जनपद चंपावत स्थित 208 हेक्टेयर भूमि में से भी अधिक से अधिक हिस्से को उत्तर प्रदेश से प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक में पुनर्गठन विभाग के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, सिंचाई विभाग के सचिव आर. राजेश कुमार, सिंचाई विभाग के संयुक्त सचिव जेएल शर्मा, संयुक्त सचिव खेल देवेंद्र सिंह आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / सुनील कुमार सक्सैना