स्वामी यमुना पुरी का आरोप निराधार: वैराग्य पुरी
हरिद्वार, 13 दिसंबर (हि.स.)। कनखल स्थित मृत्युजय मठ के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी यमुनापुरी महाराज की ओर से शिष्य वैराग्य पुरी पर आश्रम से लाखों रूपये की नगदी और कीमती सामान चोरी होने के लगाए आरोप पर आज स्वामी वैराग्य पुरी ने पलटवार करते हुए अपने गुरु पर गंभीर आरोप लगाए।
शनिवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी वैराग्य पुरी महाराज ने कहा कि उन पर स्वामी यमुनापुरी ने जो चोरी के आरोप लगाए हैं, वह सब निराधार हैं। उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने के बाद अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए हाई कोर्ट की शरण ली, जहां स्वामी यमुना पुरी के अधिवक्ता चोरी के सुबूत होने के दावे करते रहे, किन्तु न्यायालय के समक्ष कोई सुबूत प्रस्तुत नहीं कर पाए। जिस कारण से न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर स्टे दे दिया है। जिसके बाद उन्होंने कनखल थाने में अपने बयान दर्ज कराए हैं।
सनसनी खेज खुलासा करते हुए स्वामी वैराग्य पुरी महाराज ने कहा कि स्वामी यमुना पुरी के आश्रम में सभी प्रकार के अनैतिक कार्य किए जाते हैं।
बताया कि स्वामी यमुना पुरी पूर्व में महानिर्वाणी अखाड़े के संत थे। हरियाणा स्थित अरूणायल मठ की देखरेख किया करते थे। जहां उनके कुकर्मों को देखते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया। उसके बाद ऋषिकेश स्थित चन्द्रेश्वर महादेव मंदिर की देखरेख के लिए उन्हें वहां भेजा गया, किन्तु उनकी शौकीन मिजाजी कम नही हुई और अखाड़े ने वहां से भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद वे जूना अखाड़े की शरण में गए। स्वामी यमुना पुरी को अखाड़े ने महंत घोषित किया हुआ है, जबकि वह स्वंय को महामण्डलेश्वर लिखते हैं।
स्वामी वैराग्य पुरी महाराज ने बताया कि वर्ष 2009 से वह आश्रम में रह रहे हैं। स्वामी यमुना पुरी की कारगुजारियों के कारण उन्होंने कई बार उन्हें अपनी आदतों में बदलाव करने के लिए समझाया, किन्तु लड़कों का शौक उनसे नहीं छूटा। कहाकि जो भी आरोप उन्होंने उन पर लगाए हैं, वह सब निराधार हैं।
स्वामी वैराग्य पुरी महाराज ने बताया कि यदि आश्रम और स्वामी यमुना पुरी की सच्चाई के साथ जांच करायी जाए तो कई राज से पर्दा उठ सकता है। प्रेसवार्ता के दौरान स्वामी मणिराज पुरी व अन्य भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला