नौगांव में रवांई लोक महोत्सव के तीसरे दिन दिखे लोक संस्कृति के विविध रंग
उत्तरकाशी, 28 दिसंबर (हि.स.)। जिले की यमुना घाटी स्थित नौगांव में आयोजित रवांई लोक महोत्सव के तीसरे दिन भी रवांल्टी लोक संस्कृति के अनेक आयाम देखने को मिले। महोत्सव में शुद्ध लोक परंपराओं की विभिन्न विधाओं को मंच पर प्रस्तुत किया गया। विशेष बात यह रही कि प्रतिदिन की तरह आगंतुकों एवं अतिथियों का स्वागत “हरियाली छुपुकी” तथा स्थानीय वाद्ययंत्रों के माध्यम से किया गया। वहीं पांडाल में सजी केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार की चित्र प्रदर्शनी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान व कार्यक्रम अध्यक्ष पुरोला विधायक दुग्धेश्वर लाल रहे। इस दौरान भाजपा नेता श्याम डोभाल, पूर्व चेयरमैन अनुपमा रावत, शशिमोहन रावत, चंडी प्रसाद बेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि मेले केवल आपसी मिलन का माध्यम नहीं हैं, बल्कि हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने रवांई लोक महोत्सव के माध्यम से स्थानीय बोली, परंपराओं और संस्कृति को प्रोत्साहित किए जाने की सराहना की।
इस अवसर पर कला एवं संस्कृति, पत्रकारिता, साहित्य, खेल, साहसिक गतिविधियों एवं अन्य उत्कृष्ट कार्यों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सम्मान प्रदान किए गए। साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में दिनेश रावत, चित्रकला में जगमोहन बंगाणी, उद्यमिता के क्षेत्र में जयराज बिष्ट तथा खेल के क्षेत्र में महक चौहान को सम्मानित किया गया।
मंच पर लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। हर गीत और नृत्य में स्थानीयता की स्पष्ट झलक देखने को मिली। लोक गायक रतियानंद पंवार के प्रेम गीतों ने युवाओं को नृत्य करने पर विवश कर दिया। सुदूर मोरी से चैन सिंह रावत के नेतृत्व में पहुंची धौंसा वाद्य दल की प्रस्तुति दर्शकों के लिए यादगार रही। धौंसा, ढोल, रणसिंघा और नगाड़ों की जुगलबंदी के साथ नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
लोक गायक रूपी राणा के गीतों ने जहां दर्शकों की आंखें नम कर दीं, वहीं युवाओं की धड़कनें तेज कर दीं। प्रसिद्ध लोक गायक संदीप जागरी ने अपने जागरों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा रवांई घाटी की पारंपरिक वेशभूषा पर आधारित फैशन शो ने लोगों को अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति आकर्षित किया। फैशन शो में बीना, मिरी विकास, रिंकी, शर्मिला, मोमन लाल, विजेंद्र सिंह रावत, आयुष नौटियाल, सुनीता नौटियाल, प्राची असवाल सहित अन्य प्रतिभागियों ने भाग लिया।
ढोल वादक पति दास की प्रस्तुति भी दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण रही, जिसे देखकर अधिकांश दर्शकों ने इस कला को पहली बार देखने की बात कही। तीन दिवसीय रवांई लोक महोत्सव ने संस्कृति, भाषा और पर्यटन को बढ़ावा दिया। इस दौरान रवांल्टी कवि सम्मेलन, पारंपरिक नृत्य-गीत, स्थानीय उत्पादों के स्टॉल तथा रवांई के पारंपरिक व्यंजन लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे, जिनमें स्कूली बच्चों एवं स्थानीय कलाकारों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
महोत्सव में बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि और लोग शामिल हुए। इसका उद्देश्य रवांई क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं को सहेजना रहा। इस अवसर पर शशिमोहन रावत, दिनेश रावत, महावीर सिंह रवांल्टा, प्रदीप रावत, स्वतंत्री बंधानी, जिला पंचायत सदस्य विजय बंधाणी, जशोदा राणा, आशिता डोभाल, गोलू डोभाल, सभासद ललिता नौटियाल, नरेश नौटियाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन दूरदर्शन के उद्घोषक प्रेम पंचोली एवं साहित्यकार दिनेश रावत ने संयुक्त रूप से किया।
हिन्दुस्थान समाचार / चिरंजीव सेमवाल