नजूल भूमि पर पट्टे और भूमिधरी अधिकार निरस्त

 


नैनीताल, 30 दिसंबर (हि.स.)। नैनीताल स्थित जिलाधिकारी न्यायालय ने पड़ोसी जनपद ऊधमसिंह नगर की तहसील रुद्रपुर के ग्राम रुद्रपुर में स्थित खसरा संख्या 66, 69 एवं 70 की कुल 3.60 हेक्टेयर भूमि पर दिए गए पट्टों तथा वर्ष 2015 में किए गए उनके नियमितीकरण के बाद प्रदान किए गए भूमिधरी अधिकारों को निरस्त कर दिया है। साथ ही उक्त भूमि को राज्य सरकार में निहित करने के आदेश भी पारित किए गए हैं।जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने इस संबंध में तहसीलदार रुद्रपुर को आदेशों के शीघ्र अनुपालन के निर्देश दिए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह आदेश वर्ष 2018-19 में स्वर्ण सिंह, दर्शन सिंह एवं हरकेवल सिंह अथवा हरपाल सिंह की ओर से प्रस्तुत वाद संख्या 51/4, 51/5 और 51/6 में पारित किया गया है। इन मामलों की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि संबंधित भूमि मूल रूप से नजूल भूमि है।

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उक्त भूमि को श्रेणी वर्ग-4 में दर्ज करने संबंधी अपर जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर का आदेश पूर्व में ही राजस्व परिषद, देहरादून द्वारा निरस्त किया जा चुका है। ऐसे में वर्ग-4 के अंतर्गत भूमि के नियमितीकरण का लाभ दिया जाना नियम विरुद्ध था।

अपने आदेश में जिला न्यायालय ने कहा कि इस कारण पूर्व में किया गया नियमितीकरण तथा उसके आधार पर दिए गए भूमिधरी अधिकार विधिसम्मत नहीं हैं और उन्हें निरस्त किया जाना आवश्यक है।

उल्लेखनीय है कि इन वादों को कुमाऊं मंडल आयुक्त न्यायालय, नैनीताल द्वारा जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल को निस्तारण हेतु हस्तांतरित किया गया था,जिसके बाद यह निर्णय पारित किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी