विदेशी भक्तों ने ली महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती से दीक्षा

 


हरिद्वार, 20 दिसंबर (हि.स.)। जापान और आस्ट्रेलिया से आए श्रद्धालुओं ने सन्यास मार्ग कनखल स्थित रामेश्वर आश्रम पहुंचकर आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती से दीक्षा प्राप्त की।

इस अवसर पर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म व संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृति है। पूरे संसार को अपना मानने वाली सनातन संस्कृति की विशेषताओं से प्रभावित होकर पश्चिमी देशों के लोग भी इसे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सनातन धर्म अनुयायियों के आदर्श व आराध्या हैं।

श्रीराम के आदर्शो का अनुसरण करने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी संकट का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा कि अयोध्या में निर्मित हुआ, भव्य श्रीराम मंदिर पूरे विश्व को आध्यात्मिकता के प्रकाश से आलोकित कर रहा है।

श्रद्धालु भक्तों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि जापान और आस्ट्रेलिया में भगवान श्रीराम के आदर्शो का प्रचार प्रसार कर लोगों को प्रेरित करें। इस अवसर पर आस्ट्रेलिया स्थित रामेश्वर आश्रम के कोठारी चैतन्यानंद, स्वामी नरेशानंद, गौरव भारद्वाज, अमित वालिया सहित जापान व आस्ट्रेलिया से आए श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला