सभी परिवार सहकारिता से जुड़कर आत्मनिर्भर बनें:राज्यपाल

 


-देहरादून में सहकारिता मेले का समापन-तीन लाख किसानों ने की सहभागिता

देहरादून, 28 दिसंबर (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने रविवार को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर रेंजर्स ग्राउंड, देहरादून में आयोजित सहकारिता मेले में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हर गांव में सशक्त सहकारी समिति बने और सभी परिवार सहकारिता से जुड़कर आत्मनिर्भर बनें।

राज्यपाल ने सहकारिता मेले के समापन के माैके पर मेले में लगे विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया और सभा को संबोधित करते हुए हर गांव में सशक्त सहकारी समिति बनाने और सभी परिवारों को सहकारिता से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया।

राज्यपाल ने कहा कि सहकारिता केवल उत्पादन और वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता, सतत आजीविका और पर्यावरण संरक्षण जैसे 17 सतत विकास लक्ष्यों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने उत्तराखंड में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किए जाने और महिला स्वयं सहायता समूहों की उपलब्धियों की भी सराहना की।

राज्यपाल ने कहा कि सहकारिता का मूल उद्देश्य “मैं” से “हम” की भावना को बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि भारत में सहकारिता कोई नई अवधारणा नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन दर्शन का अभिन्न अंग रही है। ग्रामसभा, पंचायत, तालाब निर्माण, मंदिर और विद्यालय निर्माण जैसी सामूहिक गतिविधियां इसी का उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल उत्पादन और वितरण तक सीमित नहीं है,बल्कि गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता, सतत आजीविका, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे 17 सतत विकास लक्ष्यों में भी सहकारी समितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनाने की दूरदर्शिता की भी सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड देश का एकमात्र राज्य है जिसने सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। महिला स्वयं सहायता समूह न केवल परिवार की आर्थिक रीढ़ बने हैं, बल्कि उद्यमिता में भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड की सहकारी समितियां सेना,आईटीबीपी और अन्य अर्धसैनिक बलों को खाद्यान्न, डेयरी और अन्य आवश्यक वस्तुएं आपूर्ति कर रही हैं।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत अब तक प्रदेश में 11 मेले आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 3 लाख से अधिक किसानों की सहभागिता रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विभिन्न सहकारी समितियों से अब तक 30 लाख से अधिक किसान जुड़े हैं और सरकार का लक्ष्य इस संख्या को 50 लाख से अधिक करने का है।

कार्यक्रम में सहकारिता निबंधक मेहरबान सिंह बिष्ट सहित सहकारिता विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और सहकारी समितियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार