धमकी और गोलीबारी मामले में शस्त्र लाइसेंस निरस्त
नैनीताल, 24 दिसंबर (हि.स.)। जान से मारने की धमकी देने और लाइसेंसी बंदूक से हवा में गोलीबारी करने के गंभीर मामले में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने सख्त कार्रवाई करते हुए एक व्यक्ति का शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि शस्त्र लाइसेंस कोई मौलिक अधिकार नहीं, बल्कि सशर्त विशेषाधिकार है, जो केवल उसी व्यक्ति को दिया जा सकता है जिसका आचरण समाज, लोक-शांति और सार्वजनिक सुरक्षा के अनुकूल हो।
जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार देवी दत्त पुत्र हरि दत्त, निवासी डालकन्या गोनियारो तहसील धारी, वर्तमान निवासी गंगा सूरजपुर कॉलोनी हरिपुर कलां, थाना रायवाला जनपद देहरादून ने अपने आवास के बाहर खड़े होकर एक व्यक्ति को जान से मारने की धमकी दी और लाइसेंसी बंदूक से हवा में गोली चलायी। इस घटना से क्षेत्र में भय और आतंक का माहौल उत्पन्न हो गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए संबंधित बंदूक तत्काल थाने में जमा कराई गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून की आख्या में यह भी सामने आया कि संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध पूर्व में भी आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उसे न्यायालय की ओर से कारावास की सजा और अर्थदंड से दंडित किया जा चुका है, जबकि एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत भी वह दोषसिद्ध रहा है। इससे उसका आपराधिक पूर्ववृत्त और असंयमित आचरण स्पष्ट होता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रकरण में लाइसेंसी शस्त्र का प्रयोग आत्मरक्षा के बजाय भय उत्पन्न करने और धमकी देने के उद्देश्य से किया गया, जो शस्त्र अधिनियम की भावना के पूर्णतः विपरीत है। आपराधिक इतिहास और लापरवाह फायरिंग जैसी घटनाओं से यह आशंका भी बनती है कि भविष्य में शस्त्र का दुरुपयोग किया जा सकता है, जो लोक व्यवस्था और जनसुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। इन समस्त तथ्यों, पुलिस आख्या और जनहित को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने शस्त्र अधिनियम 1959 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए देवीदत्त का शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी