उत्तराखंड में कृषि गणना योजना के द्वितीय एवं तृतीय चरण का प्रशिक्षण संपन्न
देहरादून, 28 जून (हि.स.)। देहरादून में कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग भारत सरकार की ओर से राजस्व परिषद उत्तराखंड में संचालित कृषि संगणना योजना अंतर्गत उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव, राजस्व परिषद अध्यक्ष व कृषि संगणना आयुक्त आनंदबर्द्धन की अध्यक्षता में भारत सरकार की प्रतिनिधि सहायक निदेशक जागृति गोयल ने कृषि गणना योजना के द्वितीय एवं तृतीय चरण का प्रशिक्षण दिया।
कृषि संगणना के आंकड़ों का उपयोग विकास योजना, सामाजिक आर्थिक नीति निर्माण और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की स्थापना के लिए किया जाता है। कृषि गणना योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के 20 प्रतिशत राजस्व ग्रामों में सिंचित एवं असिंचित क्षेत्रफल, जोत के पट्टे की सूचना एवं फसल पैटर्न को एजी जनगणना ऐप के माध्यम से फीड कर डाटा संकलन किया जाता है। कृषि गणना के तृतीय चरण में काश्तकार के परिवार के सदस्यों की संख्या, शिक्षा का स्तर, आयु एवं काश्तकार द्वारा उपयोग किए जाने वाले खाद, रसायनिक उर्वरक, बीज, दवाईयां, कृषि ऋण, कृषि यंत्र आदि की सूचना संकलित की जाती है।
प्रशिक्षण में आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद-कृषि संगणना चंद्रेश कुमार, अपर जिलाधिकारी पिथौरागढ़ शिवकुमार बरनवाल एवं पौड़ी इला गिरी, कृषि संगणना सहायक निदेशक सुरेश चंद सिंह आदि कार्मिकों ने प्रतिभाग किया।
कृषि संगणना के मुख्य उद्देश्य :
- प्रचालन जोतों की संख्या एवं क्षेत्रफल की गणना।
- भूमि उपयोग एवं फसल पैटर्न सिंचाई एवं काश्तकारी विवरण।
- अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला सहित विभिन्न आकार के जोतों का विवरण।
- कृषि में इनपुट उपयोग के पैटर्न।
कृषि गणना वर्ष 2015-16 के अनुसार आंकड़े :
कुल राजस्व ग्राम : 16674
कुल कियात्मक जोतदार : 881305
कुल कियात्मक क्षेत्रफल : 747319.695 हेक्टेयर
अनुसूचित जाति कियात्मक जोतदार : 123800
अनुसूचित जनजाति कियात्मक जोतदार : 28135
महिला क्रियात्मक जोतदार : 105124
पुरूष कियात्मक जोतदार : 774557
संयुक्त जोत : 201318
व्यक्तिगत : 678363
संस्थागत जोत : 1624
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/वीरेन्द्र