पंच पूजाओं के दूसरे दिन आदि केदारेश्वर व आदिगुरू शंकराचार्य मंदिर के कपाट हुए बंद

 


गोपेश्वर, 15 नवंबर (हि.स.)। बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो रहे है। इसी कड़ी में मंगलवार से पंच पूजाएं शुरू हो गयी हैं। पंच पूजाओं के दूसरे दिन बुधवार को आदि केदारेश्वर और आदिगुरू शंकराचार्य के कपाट बंद हो गये हैं।

आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने से पहले मंदिर की साफ सफाई की गयी। उसके पश्चात बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने आदि केदारेश्वर स्वयंभू शिवलिंग को पके चावलों से ढ़क कर समाधि पूजा का समापन किया। धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रविंद्र भट्ट ने समाधि पूजा में सहयोग किया। उसके पश्चात आदि केदारेश्वर शिवलिंग को समाधि रूप देकर भस्म एवं फूलों से ढ़का गया तथा पुजारी सोनू भट्ट तथा विशेश्वर प्रसाद डंगवाल ने कपाट बंद किये। इसी तरह आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर में आदिगुरू शंकराचार्य की मूर्ति को निर्वाण रूप में पूजा अर्चना की गयी और अपराह्न दो बजे कपाट बंद किये गये।

इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी, मीडिया प्रभारी हरीश गौड़, पीआरडी प्लाटून कमांडर बलवंत राणा, आदि मौजूद रहे। गुरुवार को खड्ग पुस्तक पूजा के बाद वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा, जबकि शुक्रवार 17 नवंबर को महालक्ष्मी की पूजा होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/सुनील