आपदा प्रबंधन के लिए तकनीकी शिक्षा आवश्यक : प्रो. बत्रा
हरिद्वार, 25 नवम्बर (हि.स.)। आपदा प्रबन्धन पर एसएम जेएन महाविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अन्तर्गत पोस्टर प्रतियोगिता, तकनीकी सत्र और नाट्य अभिव्यक्ति द्वारा युवाओं को आपदा प्रबन्धन की महत्ता के विषय में जागरूक किया गया।
कार्यक्रम में बी.एससी.की छात्रा अर्शिका व अपराजिता तथा पर्यावरण प्रकोष्ठ के समन्वयक डाॅ. विजय शर्मा ने आपदा प्रबन्धन की विभिन्न वैज्ञानिक विधियों की जानकारी दी। डाॅ. विजय शर्मा ने उत्तराखण्ड तथा अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए एक समुचित आपदा प्रबन्धन तंत्र हेतु सामूहिक प्रयास के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने पर्यावरण प्रबन्धन की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि प्राकृतिक और मानवजनित दोनों प्रकार की आपदा प्रबंधन के लिए तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने पिछले अनेक दिनों से सिल्कयारा टनल में फसे हुए 41 मजदूरों की अतिशीघ्र सकुशल वापसी के लिए प्रभु से प्रार्थना की।
इस अवसर पर आपदा प्रबन्धन विषयक पोस्टर प्रतियोगिता में मानसी वर्मा तथा अपराजिता को संयुक्त रूप से प्रथम पुरस्कार, अंजली गोत्रा को द्वितीय व ममता कुमारी तथा श्रुति ढल को संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार मिला। प्रांजल सिंह और आकांक्षा सिंह को संयुक्त रूप से सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। निर्णायक की भूमिका का निवर्हन श्रीमती रिचा मिनोचा, श्रीमती रिंकल गोयल तथा डाॅ. शिवकुमार चौहान द्वारा किया गया।
आयोजन में आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डाॅ. संजय महेश्वरी, मोना शर्मा, विनय थपलियाल, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. सुगन्धा वर्मा, डाॅ. पदमावती तनेजा, आंकाक्षा पाण्डेय, विनीत सक्सेना, दिव्यांश शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. पुनीता शर्मा, कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय की सहभागिता रही।
हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/रामानुज