राष्ट्रीय वैज्ञानिक धारणा और योग्यता मूल्यांकन परीक्षा में उत्तराखंड के सूर्यांश बने स्टेट टॉपर

 


- राज्य का नाम किया गौरवान्वित, परिवार में खुशी की लहर

देहरादून, 18 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी देहरादून की 12वीं कक्षा में अध्ययनरत सूर्यांश सेठी ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा का परचम लहराया है। वैज्ञानिक स्वभाव और योग्यता के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन परीक्षा 'कैम्प-नास्टा' 2023 में सूर्यांश सेठी ने स्टेट टॉपर बन उपलब्धि हासिल की और अपना दबदबा बनाया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि सरस्वती बिहार अधोईवाला रायपुर रोड देहरादून निवासी राजेश सेठी के पुत्र सूर्यांश सेठी ने 'स्टेट एक्सीलेंस' प्रमाण-पत्र के साथ उत्तराखंड में स्टेट रैंक वन पाने का गौरव हासिल किया है। नास्टा- 2023 में सूर्यांश को चार ए प्लस और चार ए ग्रेड के साथ गोल्ड स्टेट अवार्ड मिला है। यह परीक्षा दिसंबर 2023 में आयोजित की गई थी, जिसका परिणाम 14 फरवरी को जारी किया गया। समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित योग्यता-मूल्यांकन को लेकर हुई इस परीक्षा में देशभर से पांच लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे।

चार में ए प्लस तो चार में ए ग्रेड मिला-

सूर्यांश के आठ पैरामीटर थे। आठ मूल्यांकन तर्क यथा यांत्रिकी, गणितिय, डिजिटल, स्थानिक, भाषा, अवधारणात्मक, सार, मौखिक में सूर्यांश ने चार में ए प्लस और चार में ए ग्रेड प्राप्त किया है।

भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाना है उद्देश्य-

'कैम्प-नास्टा' में स्टेट टॉपर सूर्यांश सेठी को बधाई देते हुए विद्यालय के उप प्रधानाचार्य अभिलेख ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी देहरादून अपने छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सर्वांगीण विकास को लेकर कटिबद्ध है। इसी का परिणाम है कि विज्ञान एवं तकनीक से संबंधित विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परीक्षाओं में यहां के विद्यार्थी ने न केवल अपने स्कूल, बल्कि अपने शहर और राज्य का नाम भी गौरवान्वित किया है। उन्होंने बताया कि 'कैम्प-नास्टा' का उद्देश्य कक्षा पांच से 12वीं तक के विद्यार्थियों के वैज्ञानिक एवं तकनीकी स्वभाव की पहचान करते हुए उन्हें संरक्षित कर भारत को विज्ञान, तकनीक एवं मानवता के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाना है।

क्षमता व व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर जारी किए जाते हैं सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-

गौरतलब है कि कैम्प (नॉलेज एंड अवेयरनेस मैपिंग प्लेटफॉर्म)- नास्टा (नेशनल असेसमेंट ऑफ साइंटिफिक टेम्परामेंट एंड एटीट्यूड) वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत सीएसआईआर (काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) तथा एनआईएसपीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन पॉलिसी रिसर्च) की एक महत्वपूर्ण पहल है। उक्त परीक्षा में पंजीकरण के बाद प्रतिभागियों की क्षमता के आकलन और उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस जारी किए जाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज