ऑगर मशीन से ही सफलता मिलने की उम्मीद

 






उत्तरकाशी, 21 नवम्बर (हि.स.)। सिलक्यारा सुरंग के अंदर खाने की सप्लाई के लिए छह इंच का पाइप आरपार होने के जो सकारात्मक नतीजे आएं हैं उससे बचाव अभियान से जुड़ी सभी एजेंसियां व जिला प्रशासन उत्साहित हैं। अब सभी को ऑगर मशीन से ही रेस्क्यू में सफलता मिलने की उम्मीद है।

मंगलवार देर सायं अस्थाई मीडिया सेंटर, सिलक्यारा में प्रेस ब्रीफिंग की गई। जिसमें सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि सभी लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा सभी एजेंसियां 24 घंटे काम कर रही हैं। सभी कार्य तेज गति के साथ किए जा रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सभी एजेंसी आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रही है।

एम.डी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद ने बताया कि टनल में फंसे श्रमिकों से संवाद भी हुआ है और वीडियो के माध्यम से उनकी स्थिति का पता लगा है। टनल के अंदर 900 एम.एम पाइप को 22 मीटर तक पुश किया गया था। कुछ बाधा आने के बाद ड्रिलिंग रुक गई थी। वर्तमान समय में टेलीस्कोपिक मेथड से 900 एम.एम पाइप के अंदर, 800 एम.एम का पाइप को पुश किया जा रहा है और ऑगर मशीन से पुनः ड्रिलिंग जल्द शुरू कर दी जायेगी।

उन्होंने कहा कि काम कर रहे सभी कर्मचारियों, अधिकारियों, इंजीनियरों के लिए हर समय बेहद महत्वपूर्ण है।

एम.डी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद ने बताया कि टीएचडीसी ने भी बड़कोट वाले छोर से रेस्क्यू टनल का निर्माण शुरू हो गया है, जिसमें पहले ही दो ब्लास्ट कर लिए गए हैं, जिससे 6.4 मीटर का ड्रिफ्ट बनी है।

इस दौरान जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, एनएचएआईडीसीएल के निदेशक अंशुमनीष खलखो, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

ये बोले राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के सदस्य-

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन भी मौके पर हैं। उन्होंने कहा कि सुरंग के भीतर पर्याप्त पानी, ऑक्सीजन और रोशनी की व्यवस्था की गई है। बताया कि जिन राज्यों के श्रमिक फंसे हैं, वहां के प्रशासन से लगातार संपर्क किया जा रहा है। जानकारी दी कि फंसे श्रमिकों के परिजन वहां लगाए गए चार इंच के पाइप के जरिए अपनों से बात कर रहे हैं।

केंद्र ने टीवी चैनलों को दी ये एडवाइजरी:-

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को सलाह दी है कि वह उत्तरकाशी सुरंग हादसे के मामले को सनसनीखेज न बनाएं। सनसनीखेज बनाने से फंसे लोगों के परिजनों पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।

हिंदुस्थान समाचार/ चिरंजीव सेमवाल/प्रभात