श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में हुई एक दिवसीय कार्यशाला
-इनोवेशन एंड आईपीआर विषय पर हुई कार्यशाला
ऋषिकेश, 23 नवंबर (हि.स.)। पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
कार्यशाला के संयोजक व निदेशक विकास एवं अनुसंधान प्रो. गुलशन कुमार धींगरा ने श्री देव सुमन कैंपस ऋषिकेश में प्रथम पीएचडी शोधार्थियों का भी स्वागत करते हुए कहा कि पेटेंट की जानकारी और क्रियान्वयन करने के तरीकों को सीख कर हम सभी इसका लाभ ले सकते हैं l
विश्वविद्यालय परिसर के निदेशक प्रोफेसर एमएस रावत ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस प्रकार कि कार्यशाला विश्वविद्यालय परिसर के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगी l उन्होंने फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम ,रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल ,रिसर्च पब्लिकेशन, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट और पेटेंट विषय पर अपने विचार रखे।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने शोधार्थियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य 2025 में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद, नैक के अंतर्गत लाना है। इसके लिए विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में यदि कोई शोधार्थी अपना कोई पेटेंट करता है तो उसका खर्चा विश्वविद्यालय वहन करेगा तथा प्राध्यापक द्वारा पेटेंट करने पर 50 फीसद विश्वविद्यालय वहन करेगा। उन्होंने ईआरपी सॉफ्टवेयर के जरिए विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के पूरे रिकॉर्ड को क्रमबद्ध रखेगा।
कार्यशाला के प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता और विशेषज्ञ अपने वक्तव्य में नवाचार, नवीन प्रवृत्तियां पर शोधार्थियों को बताते हुए कहा कि नव प्रवर्तन चक्र में अभी हम छठी लहर में हैं। उन्होंने कहा कि हमें सोचने समझने की क्षमता का विकास करना चाहिए और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व के बारे में तथा उसके सही इस्तेमाल के बारे में जानकारी दिए जाने के साथ दूसरे सत्र में विषय विशेषज्ञ ने बौद्धिक संपदा अधिकार तथा पेटेंट को करने के तरीके पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया की कोई भी व्यक्ति अपने अनुसार एक नया आविष्कार कर सकते हैं और भारत इस समय विश्व में बौद्धिक संपदा अधिकार में 40वें स्थान पर हैl कार्यशाला के अंतिम सत्र में विषय विशेषज्ञ के द्वारा प्रतिभागियों को रिसर्च पब्लिकेशन तथा पेटेंट कराने के क्रियान्वयन को बताया।
प्रोफेसर डीएम त्रिपाठी ने सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय परिसर के समस्त प्राध्यापक तथा शोधार्थियों समेत करीब 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
हिन्दुस्थान समाचार/ विक्रम
/रामानुज