विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत सदस्यों को दी गयी श्रद्धांजलि
गैरसैंण (भराड़ीसैंण) 21 अगस्त (हि.स.)। उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन बुधवार को सदन के दिवंगत सदस्यों- शैला रानी रावत और कैलाश चंद्र गहतोड़ी को श्रद्धांजलि दी गयी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शैलारानी रावत केदारनाथ क्षेत्र के लोगों संघर्षों के साथ सदैव खड़ी रहीं। उनका चला जाना एक खालीपन दे गया है। उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शैलारानी रावत एक प्रखर नेत्री थीं जो हर किसी से बेहद आत्मीयता से मिलती थीं। वे राज्य और क्षेत्र के मुद्दों को प्रभावशाली रूप में उठाती रहीं। शैलारानी रावत ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा और जनकल्याण के लिए समर्पित किया और वे हमेशा अपने क्षेत्र के लोगों के लिए तत्पर रहती थी। मुझे उनसे कई बार मिलने का अवसर प्राप्त हुआ और उन्होंने हमेशा एक छोटे भाई की भांति स्नेह प्रदान किया। उनके साथ मेरी कई स्मृतियां जुड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद जब वे विधायक नहीं भी थी तब भी वह स्थानीय लोगों को लेकर उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए आती थीं। उनके कार्य सदा हमें प्रेरणा देते रहेंगे। सात जनवरी 1956 को टिहरी जनपद के ग्राम गडोलिया में पद्म सिंह राणा के घर में जन्मी शैलारानी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। वर्ष 2012 में वे पहली बार केदारनाथ क्षेत्र से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं। उसके बाद वर्ष 2022 में पुनः निर्वाचित हुईं।
मुख्यमंत्री ने कैलाश चंद्र गहतोड़ी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि गहतोड़ी वन विकास निगम के अध्यक्ष थे। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उनकी कमी सदा मेरे जीवन में खलती रहेगी। उन्होंने सदा मेरा मार्गदर्शन करने का कार्य किया। चंपावत क्षेत्र के विकास के लिए वे पूर्ण रूप से समर्पित रहे। अपने जीवन काल में उन्होंने लोगों को सरकारी योजनाओं बल्कि निजी रूप से भी उन्होंने लोगों की मदद की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गहतोड़ी चंपावत की जो जिम्मेदारी मुझे देकर गए हैं, उनके उस हर सपने को पूरा करने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / पवन कुमार