डॉ. बीआर अम्बेडकर: नाउ एंड दैन फिल्म का प्रदर्शन

 


देहरादून, 06 जून (हि.स.)। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से गुरुवार को संस्थान सभागार में सामाजिक समानता, बंधुत्व, सामाजिक न्याय पर केन्द्रित एक डाॅक्यूमेंट्री फिल्म डॉ. बीआर अम्बेडकर: नाउ एंड दैन का प्रदर्शन किया गया।

डॉ. बीआर अम्बेडकर: नाउ एंड दैन डॉक्यूमेंट्री फिल्म अंग्रेजी, हिंदी के साथ अंग्रेजी उप शीर्षक में 111 मिनट अवधि में प्रदर्शित हुई है जो मानवीय स्थिति के गहन सवालों की पड़ताल करती है। उच्च जाति के भारतीय फिल्म उद्योग में एक बहुजन नारीवादी फिल्म निर्माता ज्योति निशा के माध्यम से यह फिल्म स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, सामाजिक न्याय, बहिष्कार और हाशिये पर गए प्रतिनिधित्व के प्रश्नों को खड़ा करती है। यह फिल्म लोकप्रिय सिनेमा और मीडिया में हाशिए के विषयों की संस्कृति, इतिहास, राजनीति की छवि निर्माण और प्रतिनिधित्व के लिए अंबेडकरवादी राजनीति की कार्यप्रणाली का अनुवाद करने की इच्छा व्यक्त करती है। डॉ. अंबेडकर के ज्ञानमीमांसा दर्शन से प्रेरित, यह फिल्म प्रतीकात्मक और राजनीतिक रूप से समकालीन युग में बहुजन लोगों के प्रतिनिधित्व और दावे का दस्तावेजीकरण करती है। भारत में जाति की संस्था पर प्रश्न उठाती यह फिल्म धर्म, क्रांति, राजनीति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक बेहतरीन टिप्पणी के तौर पर सामने आती है।

फिल्म प्रदर्शन के बाद फ़िल्म निर्माता शाश्वती तालुकदार ने फ़िल्म पर उपस्थित लोगों के साथ चर्चा भी की। इस अवसर पर समदर्शी बड़थ्वाल, डॉ. राजेश पाल, सुशीला भंडारी, सतीश धौलखण्डी, बिजू नेगी, जनकवि अतुल शर्मा, चंद्रशेखर तिवारी, सुंदर सिंह बिष्ट आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/सत्यवान/वीरेन्द्र