राजकीय इंटर कालेज का नामकरण न हाेने से शहीद सैनिक मानवेंद्र के परिजन हताश

 


गुप्तकाशी, 20 अगस्त (हि.स.)। शहीद मानवेंद्र सिंह के नाम पर राजकीय इंटर कालेज कोटमा का नामकरण न किए जाने से परिजन हताश हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने पर भी अभी तक इस दिशा में कार्य न होने से शहीद के परिजन निराशा है।

मुख्य शिक्षाधिकारी को प्रेषित पत्र में शहीद के पिता नरेंद्र सिंह ने कहा कि 13 जून 2018 को कश्मीर के बांदीपुर इलाके में ऑपरेशन रक्षक के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए मानवेंद्र सिंह शहीद हुए थे। 4 जुलाई 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके घर पर आकर सांत्वना देते हुए राजकीय इंटर कालेज कोटमा को शहीद के नाम पर नामकरण किए जाने की घोषणा की थी। नरेंद्र ने कहा कि पांच वर्ष बाद भी अभी तक उनके शहीद बेटे के नाम पर उक्त कार्य न होने से वह काफी दुखी हैं।

उन्हाेंने कहा कि इसके लिए अन्य औपचारिकताओं के साथ पीटीए ने भी अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया है। कई बार मुख्य शिक्षाधिकारी तथा शिक्षा निदेशालय को अवगत कराने के बाद भी यह कार्य नहीं हुआ है, जिस कारण क्षेत्रवासी और परिजन नाराज हैं। शहीद के पिता ने कहा कि उनकी उम्र 80 पहुंच गई है, पैर काम नहीं कर रहे हैं। एक आशा थी कि उम्र के इस पड़ाव में बेटे का आसरा होगा, लेकिन वह भी अब शहीद हो चुका है। उन्होंने कहा कि उम्र के आखिरी पड़ाव में वे स्थानीय कॉलेज का नाम अपने बेटे शहीद मानवेंद्र सिंह राजकीय इंटर कालेज कोटमा देखना चाहते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / बिपिन / कमलेश्वर शरण