निर्धारित कोटे के अनुसार राजकीय सेवाओं में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को नहीं मिल रहा आरक्षण, जांच की मांग

 


गोपेश्वर, 05 मार्च (हि.स.)। अनुसूचित जाति, जन जाति और पिछड़ी जाति वैचारिक महासभा चमोली ने राजकीय सेवाओं के लिए संवैधानिक तौर पर एससी, एसटी और ओबीसी को निर्धारित आरक्षण के अनुसार आरक्षण न मिलने पर रोष प्रकट करते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर जांच की मांग की है।

महासभा के जिलाध्यक्ष पुष्कर बैछवाल, महासचिव राकेश टम्टा ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि वर्तमान समय में उत्तराखंड के विभिन्न सेवाओं के लिए भर्ती निकाली गई और निकाली जा रही है, लेकिन उन सभी भर्ती विज्ञप्तियों में आरक्षित वर्ग के लोगों के लिए निर्धारित कोटे के अनुसार आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जा रही है। कई विज्ञप्तियों में तो आरक्षण को शून्य किया जा रहा है, जिससे आरक्षित वर्ग के बेरोजगार युवाओं में हताशा का भाव पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही पदोन्नति में आरक्षण समाप्त कर दिया है और अब भर्ती प्रक्रिया में भी आरक्षण को नजर अंदाज किया जा रहा है जो कि आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय है। उन्होंने इसके लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर मामले की जांच की मांग की है ताकि आरक्षित वर्ग के बेरोजगार युवाओं को लाभ मिल सके।

ज्ञापन देने वालों में पुष्कर बैछवाल, गिरीश आर्य, मनीष कपरवाल, राकेश टम्टा, मोहित कुमार, राजेश कुमार, मदन लोहनी, मनमोहन ओली, मदन खनेड़ा, धीरेंद्र गरोड़िया, नीरज परमार, आशिम अहमद, रामलाल, शिवलाल आर्य, माखन पलेठा, सोहनलाल, दिनेश शाह, कैलाश चंद्रवाल आदि मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/रामानुज