टीएचडीसी में सुरक्षा सप्ताह का हुआ शुभारंभ
सुरक्षा के साथ विभिन्न स्तरों पर काम करने की अपील की गई
नई टिहरी, 04 मार्च (हि.स.)। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड भागीरथीपुरम टिहरी में 53वें राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का शुभारम्भ किया गया। जिसकी थीम पर्यावरण सामाजिक एवं शासन में उत्कृष्टता के लिए सुरक्षा नेतृत्व पर ध्यान देना रखा गया है। सुरक्षा दिवस एवं सुरक्षा सप्ताह का शुभारम्भ मुख्य महाप्रबन्धक ओएण्डएम आरआर सेमवाल ने झण्डारोहण से करते हुए सभी मौजूद कार्मिकों को सुरक्षा सप्ताह की शपथ दिलाई।
सोमवार से शुरू हुए सुरक्षा सप्ताह के मौके पर सभी कार्मिकों को सुरक्षा बैचों का वितरण भी किया गया। सीजीएम सेमवाल ने कहा कि इस सुरक्षा दिवस का उदेश्य संगठनों और व्यक्तियों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने एवं सुरक्षा को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा दिवस औद्योगिक और कार्यस्थल सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, निर्माण सुरक्षा, कार्यालय सुरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, आत्म सुरक्षा आदि विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी समर्पित है।
उन्होंने सभी कार्मिकों से कहा कि हमें सुरक्षा के पहलुओं को मध्यनजर रखते हुए अपने कार्यों का निर्वाहन करना चाहिए। अपना ही नहीं बल्कि अपने साथ काम करने वाले साथियों की सुरक्षा का भी पूर्ण रूप से ध्यान रखना चाहिए। पर्यावरण प्रकृति की देन है। इसमें अधिक मानव हस्तक्षेप नहीं करके इसकी खूबसूरती को समझते हुए इसकी सुरक्षा एवं इसे साफ-सुथरा बनाने के लिए भी अपना पूर्ण योगदान देकर जन-जन को भी इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि आगे आने वाली पीढ़ी को भी हम एक स्वस्थ पर्यावरण प्रदान कर सके न कि प्रदूषित पर्यावरण।
विभागाध्यक्ष अपर महा प्रबंधक सुरक्षा दीपक कुमार ने 53वें सुरक्षा दिवस के अवसर पर सुरक्षा से सम्बन्धित 10 मंत्रों से कार्मिकों को अवगत कराया गया। सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं में निबंध प्रतियोगिता व नारा लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
इस मौके पर अभिषेक गौड़, प्रदीप कुमार, डा नमिता, एसके साहू, अजय कंसल, विजय बहुगुणा, मोती मोहन, हरि प्रसाद भट्ट, पुरूषोत्तम रावत, सूरख विरखानी, उप प्रबंधक जन संपर्क आरडी ममगाई, महा प्रबंधक प्रशासन डा एएन त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल//रामानुज