उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन का हल्द्वानी नगर सम्मेलन संपन्न

 


हल्द्वानी, 29 सितंबर (हि.स.)। महिला अस्पताल हल्द्वानी में ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन का नगर सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में हल्द्वानी नगर कमेटी के लिए 11 सदस्यीय कार्यकारणी का चुनाव हुआ। रिंकी जोशी को पुनः अध्यक्ष, प्रीति रावत काे उपाध्यक्ष, रीना बाला काे सचिव, गीता पांडे काे सह सचिव, सरोज रावत काे कोषाध्यक्ष, रमा भट्ट काे प्रचार सचिव और रेखा चाैधरी काे संगठन सचिव चुना गया। कार्यकारणी सदस्यों में सायमा सिद्धकी, पूनम नेगी, जानकी जोशी, नीमा शर्मा चुनी गई।

सम्मेलन में ऐक्टू प्रदेश महामंत्री केके बोरा ने कहा कि सरकार आशा वर्कर्स का शोषण कर रही है और चार लेबर कोड लागू होने के बाद महिला कामगारों का शोषण और बढ़ेगा। आशाओं से वादा करके वादाखिलाफी करना भाजपा सरकार का चरित्र बन गया है, जिसका जवाब आशाओं को मजबूत संगठन बना कर देना होगा।

उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आशा वर्कर्स के साथ वादे के बावजूद राज्य सरकार ने आशाओं के साथ लगातार धोखा किया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार आशाओं की दुर्दशा के भारी असंवेदनशील है। अगर यही चलता रहा तो आशाएँ पुनः आंदोलन को बाध्य होंगी।

यूनियन के प्रदेश महामंत्री डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में आशाओं के दाे अगस्त से 31 अगस्त 2021 तक एक माह के कार्य बहिष्कार, हड़ताल और आंदोलन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री ने 31 अगस्त को आशाओं के प्रतिनिधिमंडल से डी जी हेल्थ उत्तराखण्ड के प्रस्ताव के अनुरूप 11500 रुपए के मानदेय का शासनादेश जारी करने का वायदा किया था, लेकिन तीन साल से अधिक बीत जाने के बाद भी भाजपा की उत्तराखण्ड सरकार और उसके मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने वादे पर अमल नहीं किया है। राज्य सरकार को तत्काल इस वादे को पूरा करना चाहिए।

यूनियन की पुनः निर्वाचित नगर अध्यक्ष रिंकी जोशी ने कहा कि राज्य सरकार को तत्काल आशाओं के मानदेय का शासनादेश जारी करना चाहिए। आशाओं की लंबे समय से की जा रही उपेक्षा के खिलाफ अब आशाएँ एकजुट होकर अपने हक और सम्मान की लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सम्मेलन में बड़ी संख्या में आशाएँ सम्मिलित रहीं।

हिन्दुस्थान समाचार / अनुपम गुप्ता