धार्मिक स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाये : अ. भा. तीर्थ पुरोहित महासभा
हरिद्वार, 10 दिसम्बर (हि.स.)। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष आरके तिवारी और महासचिव नवीन नागर चतुर्वेदी ने सभी राज्य सरकारों से अधिग्रहित किए गए धार्मिक स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की है।
आज पत्रकारवार्ता के दौरान आरके तिवारी और नवीन नागर चतुर्वेदी ने कहा कि महासभा देशभर के तीर्थों के विकास, श्रद्धालुओं की सुविधा और सभी तीर्थों को आपस में जोड़ने का कार्य करने जा रही है। उन्हाेंने बताया कि अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा पिछले पांच दशक से तीर्थ स्थलों के संरक्षण का कार्य कर रही है।
महासचिव नवीन नागर चतुर्वेदी ने बताया कि महासभा की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी का चुनाव विगत सितम्बर माह में प्रयागराज यूपी में सम्पन्न हुआ। महासभा के गठन से लेकर अब तक के कार्यों की जानकारी देते हुए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा देव स्थानम् विधेयक वापस लेने पर उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर श्री गंगा सभा हरिद्वार के अध्यक्ष नितिन गौतम ने बताया कि महासभा देशभर के तीर्थों की पवित्रता और पौराणिकता बनाने का कार्य करेगी। महासभा के माध्यम से पौराणिक तीर्थ स्थलों को जोड़ने के साथ ही तीर्थ स्थलों पर मर्यादा का पालन कराने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जाएगा।
श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि तीर्थों का विकास आवश्यक हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकारें पौराणिक तीर्थों के विकास के लिए कई कदम उठा रही है, लेकिन इसमें स्थानीय पुरोहितों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इस संबंध में महासभा का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही केंद्र व राज्य सरकारों से कदम उठाने की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि गंगा समेत सभी नदियों की निर्मलता और अविरलता बनाए रखने के लिए भी महासभा अभियान शुरू करेगी।
पत्रकार वार्ता के दौरान महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष यतिन्द्र सिखौला हरिद्वार, कोषा सचिव बनवारी लाल शर्मा मथुरा, वरिष्ठ मंत्री हेमंत त्रिगुणायक, बिहार, वरिष्ठ संगठन मंत्री राजेन्द्र पालीवाल प्रयागराज, मुकेश स्वामी वरिष्ठ प्रचार मंत्री के अलावा श्री गंगा सभा हरिद्वार के समाज कल्याण मंत्री विकास प्रधान, कृष्ण कांत कोठियाल व मधुर मोहन शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/रामानुज