बारिश-बर्फबारी से राहत, धनोल्टी में पर्यटकों की आवाजाही की जगी आस

 


नई टिहरी, 01 फरवरी (हि.स.) । लंबे समय बाद हुई बारिश से आम लोगों को शुष्क मौसम से राहत मिली है। बर्फबारी होने से धनोल्टी क्षेत्र में एक बार पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने के आसार बढ़े गये हैं। गुरुवार से ही धनोल्टी व आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही होने लगी है। टिहरी के प्रतापनगर, धनोल्टी व घनसाली के दूरस्थ क्षेत्रों में बीती रात हुई बारिश के साथ बर्फबारी भी हुई है। बारिश व बर्फबारी होने से लोगों ने राहत महसूस की है।

बीते बुधवार की सुबह से ही मौसम करवट लेता दिखा। टिहरी सहित विभिन्न हिस्सों में बारिश की बूंदाबांदी ही होती नजर आई। लेकिन बीती रात से बारिश की बौछारें शुरू हुई और रातभर रुक-रुक कर बारिश होती रही। जिससे मौसम में नमी आई। लगातार खुष्क मौसम के चलते सर्दी, जुकाम, बुखार सहित तमाम तरह की बीमारियों का सामना कर रहे लोगों को राहत मिली है। इसके साथ ही किसानों को बारिश ने खासी राहत दी है। जो किसान आलू, मटर सहित कई अन्य फसलों को बो नहीं पा रहे थे। खेतों में नमी आने के बाद किसान को फसलों को बोने का मौका मिलेगा।

चिलिंग प्वाइंट वाले फलों के लिए भी यह बर्फबारी राहत देने वाली होगी। इससे सेब, आड़ू व खुमानी की फसलों को राहत मिलेगी। भले ही देर में हुई बारिश के कारण खेती को काफी नुकसान भी हुआ है। देवप्रयाग में करीब पांच माह बाद इंद्रदेव के प्रसन्न होने से जहां शुष्क मौसम से लोगों को राहत मिली वहीं खेती के लिए यह बारिश ज्यादा उपयोगी नहीं सिद्ध हो पायेगी। तीर्थ नगरी देवप्रयाग में बुधवार रात से तड़के तक हुई बारिश से महीनों से छाई धुन्ध जरूर छंट गयी। इससे देवप्रयाग में आने वाले यात्रियों व पर्यटकों को आसपास स्थित पहाड़ियों के दृश्य भी देखने को मिले।

दूसरी ओर काश्तकार बेमौसम बारिश को अनुपयोगी बता रहे हैं। उनके अनुसार क्षेत्र में गेहूं, मसूर, लया, मटर आदि की खेती पूरी तरह खत्म होने के बाद हुई बारिश राहत देने वाली नहीं है। टिहरी के प्रमुख मां सुरकंडा माता मंदिर परिसर व मां चंद्रबदनी मंदिर परिसर में बर्फबारी होने से श्रद्धालु भी खासे खुश नजर आये। जिला उद्यान अधिकारी आरएस वर्मा का कहना है कि भले बारिश देर से होने से फसलों को नुकसान हुआ है, लेकिन बारिश व बर्फबारी से आने वाली फसलों व फलोत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल//रामानुज