विश्वविद्यालय एक दूसरे से प्रतिस्पर्धी के बजाय उपलब्धियों से प्रेरणा लें: राज्यपाल
-पलायन रोकने के लिए शोध और अनुसंधान के माध्यम से सहयोग करें
देहरादून, 6 सितंबर (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने सभी निजी और राजकीय विश्वविद्यालयों के आपसी समन्वय पर जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी होने के बजाय एक दूसरे की उपलब्धियों से प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्होंने राज्य से पलायन को रोकने के लिए शोध व अनुसंधान के माध्यम से सहयोग करने पर भी जाेर दिया।
शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों के शोध और नवाचार का लाभ प्रदेश के साथ-साथ देश को मिले और वे एक-दूसरे से अनुभवों का लाभ लें। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से अपेक्षा की कि वे उत्तराखण्ड के मोटे अनाजों (मिलेट्स) के क्षेत्र में, यहां पर उत्पादित शहद के क्षेत्र में, होम स्टे के क्षेत्र में, और स्वयं सहायता समूहों को सहयोग के साथ-साथ पलायन को रोकने के लिए शोध एवं अनुसंधान के माध्यम से सहयोग करें।
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के विकास और प्रगति में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विश्वविद्यालयों से विशिष्ट शोध की अपेक्षा की जो राज्य हित में हो और यहां के लोगों के जीवन उन्नयन में सहायक हो।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय निःसंदेह गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ ही शिक्षा को रोजगारपरक बनाकर इस क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहें हैं। बदलते समय में विश्वविद्यालयों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मेटा तथा क्वांटम जैसी नवीन तकनीकों को अपनाकर उसमें शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देना होगा। राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को महत्व देने के साथ ही बच्चों को इस ओर प्रेरित कर रहे हैं।
बैठक में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.संजय जसोला ने निजी विश्वविद्यालयों को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए बनाए गए डैशबोर्ड ‘‘यूनिसारांश’’ के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। बताया कि इस डैशबोर्ड में राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है, जिसमें विश्वविद्यालयों की उपलब्धियां, बेस्ट प्रैक्टिसेज, शैक्षणिक उत्कृष्टता, प्लेसमेंट, नवाचार एवं अनुसंधान, पेटेंट, किए गए एमओयू, आदि की जानकारी उपलब्ध रहेगी। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से इसमें सूचनाएं अपडेट करने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने उक्त पोर्टल को बनाने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की।
बैठक में कुलपतियों की ओर से उनके विश्वविद्यालय में अपनायी जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज, उपलब्धियों व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने राज्य के विकास के लिए विश्वविद्यालयों की ओर से किए जा रहे अनुसंधान और शोध पर जानकारी दी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों की ओर से प्रस्तुत उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की।
बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन,सचिव उच्च शिक्षा डॉ रंजीत सिन्हा,विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही,अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया के अलावा सभी निजी विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष, कुलाधिपति और कुलपति उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार