मुस्लिम आरक्षण इंडी गठबंधन का हिन्दू विरोधी चेहरा : महेंद्र भट्ट

 












































-अदालत का आदेश न मानना तुष्टिकरण की पराकाष्ठा

देहरादून, 23 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बंगाल में ओबीसी की आड़ में मुस्लिमों को आरक्षण देने पर हाई कोर्ट की रोक का सम्मान के साथ स्वागत किया है। उन्होंने इसे कांग्रेस और इंडी गठबंधन का असल हिन्दी विरोधी चेहरा बताया है और कहा कि ममता सरकार द्वारा न्यायालय के इस निर्णय को नही मानने की घोषणा को तुष्टिकरण की पराकाष्ठा करार दिया है।

प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं पर तंज किया कि शीघ्र अपने आलाकमान और गठबंधन से पीछा छुड़ा लें, अन्यथा जनता उन्हे आगे भी कभी माफ नहीं करने वाली है। उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सनातन विरोधी इंडी गठबंधन का वह कड़वा सच है, जिसे जानना सबके लिए जरूरी है।

ममता की टीएमसी सरकार ने 2011 और 2022 में ओबीसी समाज के हक पर डाका डालकर मुस्लिमों को देने का पाप किया है। उनकी सरकार ने तुष्टिकरण की पराकाष्ठा को पार करते हुए ओबीसी कोटा उपश्रेणी के अंतर्गत मुसलमानों विशेषकर अपने कैडर को लाभ पहुंचाया है । इस दौरान उन्होंने 5 लाख लोगों को असंवैधानिक रूप से ओबीसी आरक्षण दिया, जिनमें शामिल कुल 77 जातियों में 71 मुस्लिम समाज की थीं। यही वजह है कि धर्म विशेष के आधार पर दिए इस ओबीसी आरक्षण को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। जिसके तहत उन्होंने 2010 से 2024 तक पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्र भी निरस्त कर दिए हैं।

उन्होंने कहा कि ये दोनों फैसले बताते हैं कि कैसे ममता बनर्जी की सरकार गैर-संवैधानिक रूप से तुष्टीकरण को आगे बढ़ा रही थी। उनकी तरह कांग्रेस समेत समस्त इंडी गठबंधन अपनी अपनी सरकारों में भी मुस्लिम लीग के एजेंडे को बढ़ा रहे हैं। साथ ही उत्तराखंड के उन सभी कांग्रेस नेताओं पर तंज किया, जो झूठी सफाई देते फिरते थे कि न्याय पत्र में धर्म के आधार पर आरक्षण की बात नही है। अब तो कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मनमोहन सरकार के बाद बंगाल सरकार की हिंदुओं के हक पर डाका डालकर मुस्लिमों को देने के षड्यंत्र को भी अदालत ने गलत ठहरा दिया है।

हालांकि इस तुष्टिकरण की नीति को लेकर प्रदेश कांग्रेस सरकारों का रिकॉर्ड भी साफ नहीं है। इन्होंने भी मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने और नमाज की छुट्टी देने की कोशिश की थी, जिसपर देवभूमि की जनता ने कांग्रेस को करारा जवाब दिया था। उन्होंने स्थानीय कांग्रेस नेताओं को सुझाव दिया कि अब भी समय है, वे अपने आलाकमान और इंडी गठबंधन से पीछा छुड़ा लें, अन्यथा देवभूमि की सनातनी जनता उन्हे कभी माफ नहीं करने वाली है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज