बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान से प्रभावित लोगों ने सांसद अनिल बलूनी को दिया ज्ञापन

 


नई टिहरी, 15 जून (हि.स.)। नवनिर्वाचित भाजपा सांसद अनिल बलूनी शनिवार को देवप्रयाग पहुंचे। बलूनी का यहां तीर्थ पुरोहित समाज सहित देवप्रयाग व हिंडोलाखाल की जनता ने स्वागत किया। चारधाम तीर्थपुरोहित संगठन के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने सांसद बलूनी को बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान से प्रभावित तीर्थ पुरोहितों की समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।

देवप्रयाग के तीर्थपुरोहितों ने मास्टर प्लान से तीर्थ पुरोहितों के बदरीनाथ धाम स्थित पंचभैया मोहल्ला के ध्वस्त होने, उनके घरों के रास्ते टूटने सहित विस्थापित तीर्थ पुरोहितों के मुआवजे व आवास आवंटन की स्थिति शासन द्वारा साफ नहीं किये जाने की बात रखी। वहीं महिलाओं ने सांसद से देवप्रयाग व निकटवर्ती क्षेत्र में बने पेयजल संकट पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। पूर्व पालिकाध्यक्ष केके कोटियाल ने देवप्रयाग नगर में पार्किंग निर्माण, केन्द्रीय विद्यालय खोलने, सीवरप्लांट को वार्ड दो से हटाकर मेन प्लांट से जोड़ने, देवप्रयाग के लिए नदी से पंपिंग योजना की स्वीकृति दिये जाने, सीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने, अलकनंदा झूला पुल का निर्माण करने, धर्मपुर मोड़ पर सुरक्षा दीवार व ट्रीटमेंट आदि का कार्य करने की संबंधी ज्ञापन सौंपा।

सांसद बलूनी ने बदरीनाथ धाम में स्वयं मास्टर प्लान प्रभावितों से मिलने व देवप्रयाग क्षेत्र की समस्याओं का समाधन करने का आश्वासन दिया।

पेयजल योजना की स्वीकृति दिए जाने की मांग

इसके अलावा ग्राम प्रधान संगठन देवप्रयाग ने सांसद अनिल बलूनी से ब्लॉक के गांवों में बढ़ते जल संकट को देखते 1995 से लंबित उमरेश्वर महड पंपिंग पेयजल योजना को स्वीकृति दिये जाने की मांग की है। सांसद अनिल बलूनी के शनिवार के दौरे के दौरान ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष सोबत सिंह चौहान ने इस बाबत उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा।

ज्ञापन के अनुसार ब्लॉक के देवप्रयाग टिहरी मार्ग स्थित गांवों की जलापूर्ति के लिए 1995 में अलकनंदा से पंपिंग की योजना बनाई गयी थी। इससे ब्लॉक के सबसे अधिक जल संकट झेलने वाले गांव महड, कोटी कंडी, आमणी, पौसाडा, बिडाकोट, गढकोट, प्यूखरी, विटूला, गुसाई गांव, मुल्या गांव आदि में जलापूर्ति की जानी थी। मगर 29 वर्ष बाद भी यह योजना शुरू नहीं हो पायी है, जिससे इन गांवों की जनता बूंद-बूंद पानी का संकट झेलने को मजबूर हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/सत्यवान/वीरेन्द्र