लीलाधर के जन्मोत्सव पर घर-आंगन में बिखरी रौनक, भक्ति गीतों की बयार, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में धूम

 


-जन्माष्टमी पर रोशनी से नहाए कृष्ण मंदिर, खुशी से झूम उठे श्रद्धालु

-बच्चों से लेकर बड़ों तक ने रखा उपवास, सुख-समृद्धि की कामना

-कान्हा के जन्म पर सोशल मीडिया भी भक्ति के उल्लास में

-आकर्षक झांकियों ने मोहा मन, जगमगा उठी देवभूमि

देहरादून, 26 अगस्त (हि.स.)। लीलाधर भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर सोमवार को बाल गोपाल के स्वागत के लिए राजधानी दून समेत देवभूमि उत्तराखंड आकर्षक विद्युत साज-सज्जा से जगमगा उठा। जब भगवान का जन्म हुआ तब हर घर व मंदिर में नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की... हाथी घोड़ा पालकी... गीत और जयकारे गूंज रहे थे। मंदिरों में भक्ति गीतों की स्वर लहरियों के बीच भक्त लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाते नजर आए और बाल कृष्ण को पालने में झुलाया।

मुरली वाले श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव पर उपवास के साथ मंदिरों और घरों में नंद गोपाल की झांकी सजाई गई। उनका श्रृंगार किया गया। मंदिरों को फूल-मालाओं, गुब्बारों और विद्युत झालरों से सजाया गया। बच्चों को कृष्ण का भेष धारण कराकर मंदिरों में झांकियां प्रदर्शित की गई। घरों में सुबह-सवेरे साफ-सफाई का दौर चला। पकवान बनाए गए। बच्चों से लेकर बड़ों तक ने व्रत रखा। छोटे बच्चों को घरों में कान्हा बनाकर पूजा गया।

राजधानी दून समेत देवभूमि उत्तराखंड का वातावरण सोमवार को भक्तिमय हो उठा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही। जगह-जगह झांकियां सजीं तो भजन-कीर्तन व भक्ति गीतों की बयार बही। कान्हा के जन्म पर सोशल मीडिया भी भक्ति के उल्लास में डूब गया। घरों में महिलाओं ने मंगलगीत गाईं। मंदिरों के बाहर रात को मेले जैसा माहौल था। कान्हा के जन्म लेते ही लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित हुए। छोटे बच्चों ने रासलीला का गुणगान किया। कहीं भगवान कृष्ण के विग्रह स्वरूप सजाई गई तो कहीं श्रीकृष्ण के जीवन से संबंधित झांकियां सजाई गईं। कहीं भगवान राक्षस का वध कर रहे हैं तो कहीं गोपियों संग रास रचा रहे हैं।

प्राचीन महादेव-हनुमान मंदिर पर भजन संध्या

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सोमवार को विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हनुमत सेवा समिति की ओर से घंटाघर प्राचीन महादेव-हनुमान मंदिर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया। व्रत प्रसाद वितरण भी किया गया।

बीकेटीसी अध्यक्ष बोले- धर्म‌ की रक्षा और आसुरी प्रवृत्तियों‌ के विनाश के लिए हुआ भगवान श्रीकृष्ण का जन्म

श्रीबदरीनाथ धाम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया गया। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सभी तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म धर्म‌ की रक्षा तथा आसुरी प्रवृत्तियों‌ के विनाश के लिए हुआ। वहीं मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी है।

इस अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम में भजन संध्या के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्माष्टमी कार्यक्रम हुए। बदरीविशाल के गर्भगृह सभा मंडप में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने बदरीविशाल, श्रीनारद, उद्धवजी सहित सभी सभा मंडप में मौजूद देवताओं श्रीकुबेर, नारद, नर-नारायण का विशेष श्रृंगार किया।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि श्रीकेदारनाथ धाम में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उल्लासपूर्वक मनाया गया। श्रीत्रिजुगीनारायण मंदिर, श्रीगोपाल मंदिर नंदप्रयाग एवं मंदिर समिति के अधीनस्थ मंदिरों, दस्तूरधारी मंदिरों में भी जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया गया।

बदरीनाथ धाम में मंगलवार को निकलेगी भव्य झांकी

भगवान कृष्ण के जन्म पश्चात मंगलवार को श्रीबदरीश पंडा पंचायत की ओर से बदरीनाथ धाम में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की भव्य झांकी श्रीबदरीनाथ के भ्रमण पश्चात श्रीबदरीनाथ मंदिर पहुंचेगी, जहां जन्मोत्सव कार्यक्रम का समापन होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / आकाश कुमार राय