सड़क पर उतरे बेरोजगार, मुख्यमंत्री आवास जाने से रोककर पर किया हंगामा

 


— मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के आश्वासन पर समाप्त हुआ धरना

— लंबे समय से बेरोजगार युवाओं की आवाज उठा रहा उत्तराखंड बेरोजगार संघ

देहरादून, 30 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड के बेरोजगारों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करते बेरोजगाराें को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका तो वे हंगामा करने लगे और वहीं धरने पर बैठ गए। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन देने पर धरना समाप्त हुआ।

मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में बेरोजगार उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले परेड ग्राउंड में जमा हुए थे। वहां से वे मुख्यमंत्री आवास की ओर निकले, लेकिन पुलिस ने अभिषेक टावर के पास दोनों ओर बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें वहीं रोक लिया। बेरोजगारों ने मुख्यमंत्री आवास जाने की अनुमति मांगी, लेकिन पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी तो हंगामा होने लगा और बेरोजगार वहीं धरने पर बैठ गए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री आवास कूच की सूचना आठ दिन पहले सिटी मजिस्ट्रेट और ट्रैफिक पुलिस को दे दी थी, लेकिन फिर भी उन्हें परेड ग्राउंड से 200 मीटर के अंदर रोक लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस या अन्य दलों को मुख्यमंत्री आवास कूच की अनुमति दे दी जाती है, लेकिन उत्तराखंड के बेरोजगारों को मुख्यमंत्री से मिलने तक नहीं दिया गया। धरने पर बैठने वालों में संघ के सचिव नितिन दत्त, प्रदेश संयोजक जेपी ध्यानी, सह संयोजक सुशील कैंथुरा, विशाल चौहान, रमेश तोमर, संजय, जसपाल और सचिन सहित कई बेरोजगार शामिल थे।

बेरोजगारों की मांग

बेरोजगार युवा जेई-एई, पुलिस कांस्टेबल भर्ती में उम्र सीमा बढ़ाने, संयुक्त परिक्षाओं में वेटिंग प्रावधान का शासनदेश तत्काल जारी करने, कृषि, उद्यान और पशुपालन विभाग का फाइनल रिजल्ट जारी करने, फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में उम्र सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / सुनील कुमार सक्सैना