जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में नैनीताल के जवान संजय का बलिदान
नैनीताल, 23 नवंबर (हि.स.)। जम्मू कश्मीर के राजौरी में बुधवार को आतंकवादियों से हुई भारतीय सेना के जवानों की मुठभेड़ में नैनीताल का एक लाल का भी बलिदान हो गया है। इससे पूरे क्षेत्र में शोक छा गया है।
मुठभेड़ में बलिदान होने वाला जवान संजय बिष्ट नैनीताल के कैंची धाम के पास स्थित हली गांव का रहने वाला था। 29 वर्षीय संजय का अभी विवाह नहीं हुआ था। उसके पिता दीवान सिंह रातीघाट में पोस्टमास्टर हैं। उनका परिवार अब रातीघाट में ही रहता है। संजय संजय 2012 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था यानी 11 वर्षों से भारतीय सेना में था। इधर 15 दिन पूर्व ही वह घर आकर लौटा था और एक दिन पूर्व ही उसकी फोन से अपने परिजनों से बात हुई थी। दो भाइयों में छोटे संजय के बड़े भाई नीरज बिष्ट भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े हैं। उनकी एक बड़ी बहन की शादी हो चुकी है, जबकि दूसरी बहन अविवाहित है। संजय के बलिदान से पिता दीवान बिष्ट, मां मंजू बिष्ट, बहन ममता बिष्ट, भाई नीरज बिष्ट व विनीत बिष्ट आदि बुरी तरह से शोकाकुल हैं।
बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक बुधवार सुबह 9 बजे सेना को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में धर्मसाल के बाजीमल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। बताया गया है कि सर्च ऑपरेशन में सेना के राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों के साथ पैराट्रूपर्स भी शामिल थे, लेकिन आतंकी घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही सेना उन आतंकियों के नजदीक पहुंची, वैसे ही आतंकियों की ओर से सेना पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी गई। ऐसे में सेना के 2 कैप्टनों सहित चार जवान बलिदान हो गए।
हिन्दुस्थान समाचार/नवीन जोशी/रामानुज