हर्षोल्लास से मनाया गया नैनीताल का 182वां जन्मदिवस

 


नैनीताल, 18 नवंबर (हि.स.)। प्रकृति का स्वर्ग कही जाने वाली सरोवर नगरी नैनीताल हालांकि आदि-अनादि काल से, ‘त्रिऋषि सरोवर’ के रूप में एवं आदि शक्ति माता नयना की नगरी के रूप में पहचान रखती है।

स्कंद पुराण के मानसखंड के अनुसार सप्तऋषियों में शामिल अत्रि, पुलस्त्य व पुलह ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा के दौरान मानसरोवर का आह्वान कर यहां नैनी सरोवर का निर्माण किया था। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि जब भगवान शिव आदि शक्ति माता पार्वती के दग्ध शरीर को आकाश मार्ग से कैलाश की ओर ले जा रहे थे, तब उनके नेत्र या नयन के गिरने से नैनीताल बना। 1823 के अंग्रेजी दौर के नक्शे में भी नैनीताल को प्रदर्शित किया गया है। 1823 में कुमाऊं के पहले कमिश्नर जॉर्ज विलियम ट्रेल के कुमाऊं का पहला लेंड सैटलमेंट करने के दौरान यहां आने के ऐतिहासिक दस्तावेज भी उपलब्ध हैं। अलबत्ता कुछ इतिहासकारों के अनुसार 18 नवंबर 1841 को पहली बार पीटर बैरन नाम के पहले अंग्रेज के इस स्थान पर आने का दावा किया जाता है। और इसी आधार पर कुछ लोग 18 नवंबर को नैनीताल का ‘बर्थ डे’ यानी ‘जन्म दिन’ भी मनाते हैं।

इसी कड़ी में शुक्रवार को डीएसए मैदान में एवं कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर नैनीताल में नैनीताल का जन्मदिवस मनाया गया। इस अवसर पर डीएसबी परिसर की निदेशक प्रो.नीता बोरा ने केक काटा नैनीताल के 182वें जन्मदिन की सभी विद्यार्थियों के साथ सभी नैनीतालवासियों को बधाई एवं शुभकामनायें दीं। प्राध्यापकों ने कहा कि नैनीताल को संरक्षित करने के लिए स्थानीय निवासियों को आगे आना होगा, यहां के पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा, बढ़ते निर्माण को रोकना होगा। नगर में बेहतर यातायात योजना एवं नगर में पर्यटकों की संख्या प्रतिदिन के लिये सीमित करने की आवश्यकता भी जतायी गयी।

इस अवसर पर प्रो.जीत राम, प्रो. लता पांडे, प्रो.ज्योति जोशी, प्रो.ललित तिवारी, प्रो. सुषमा टम्टा, डॉ. विजय कुमार, डॉ.अशोक कुमार, डॉ.भूमिका प्रशाद, डॉ.हिमानी कार्की, डॉ.हर्षवर्धन, डॉ.हेम जोशी, डॉ. प्रभा पंत, डॉ.रुचि मित्तल, डॉ.पंकज सिंह, डॉ.दीपक मेलकानी, डॉ.मोहित रौतेला आदि प्राध्यापकों तथा कर्मचारियों ने शुभकामना तथा बधाई दी।

इधर डीएसए मैदान में भी नैनीताल के 182वें जन्मदिन पर केक काटे गये और नगर की बेहतरी के लिये सर्वधर्म की दुवायें मांगी गयीं। गीत-संगीत के कार्यक्रम भी हुये। इसके अलावा एक अन्य कार्यक्रम में नगर के दिवंगत छायाकार अमित साह को उनके चित्रों के माध्यम से याद किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. नवीन जोशी/रामानुज