नेता प्रतिपक्ष ने बदहाल सड़कों और हादसों पर सरकार को घेरा
देहरादून, 18 नवम्बर (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रदेश में लगातार घट रहे सड़क हादसों को चिंताजनक बताते हुए कहा कि उत्तराखंड की सड़कें गड्ढा मुक्त होने के बजाय गड्ढा युक्त होती जा रही हैं। भाजपा चुनाव में तो डबल इंजन का वादा करके भले ही सत्ता हासिल कर ली, लेकिन हकीकत में उत्तराखंड में विकास का सिंगल इंजन भी काम नहीं कर रहा है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने एक जारी बयान में कहा कि प्रदेश की जर्जर सड़कों पर सफर करना आम नागरिकों के लिए जोखिम भरा साबित होता जा रहा है। नैनीताल में ओखलकांडा विकासखंड के अधौड़ा-मिडार मोटर मार्ग पर एक टैक्सी वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर 8 लोगों के अकस्मात निधन को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि इस मोटर मार्ग पर यह दुर्घटना पहली दुर्घटना नहीं है इससे पहले हुई दुर्घटनाओं में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्य मार्ग मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन औसतन राज्य के तीन लोग सड़क हादसे में अपनी जानें गवां रहे हैं। पिछले कुछ सालों के सड़क दुर्घटना के आंकड़े बहुत ही चिंतनीय हैं। इन आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में 1352 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 867 लोगों की मौत हुई और 1457 लोग घायल हुए। साल 2020 में 1041 हादसों में 674 मौत और 854 घायल हुए, वर्ष 2021 में उत्तराखंड में 1405 हादसों में 820 लोगों की जान गई और 1091 लोग घायल हुए। कुल मिलाकर राज्य में पिछले चार सालों में सड़क हादसों में 3403 लोगों ने जान गंवाई है। रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसों का कारण खराब सड़कें हैं।
उन्होंने साफ किया कि राज्य में सड़क निर्माण सेक्टर को सत्ता दल और अधिकारियों ने दुधारू गाय समझ लिया है। इन विभागों में कमीशन खोरी चरम पर है। मुख्यमंत्री, शासन और प्रशासन भले ही प्रदेश की सड़कों को को गड्ढा मुक्त करने के लाख दावे करें लेकिन सच्चाई जनता अपनी आंखों से देख रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज