मुख्य सचिव ने मोटे अनाज के उत्पादन के लिए दिए निर्देश
देहरादून, 29 फरवरी (हि.स.)। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंडुवा, झंगोरा व चौलाई का उत्पादन बढ़ाने और सप्लाई चेन को बेहतर करने के सम्बन्ध में गुरुवार को विधानसभा भवन में हाउस ऑफ हिमालया और मिलेट मिशन की बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये हैं।
सीएस रतूड़ी ने कृषि एवं उद्यान विभाग को प्रदेश में अनुपयोगी घाटियां एवं जमीनों को चिह्नित कर उनमें मंडुवा, झंगोरा एवं चौलाई के बड़े स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने और क्षेत्र विस्तार की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। इसका संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता से दिया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा है कि मंडुवा, झंगोरा, चौलाई तथा अन्य स्थानीय उत्पादों के उत्पादन तथा प्रोक्यूरमेंट को बढ़ाने के लिए कृषि एवं उद्यान विभाग के साथ ही सहकारिता विभाग को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। इस दिशा में मुख्य सचिव ने यूसीएफ (उत्तराखंड स्टेट को-आपरेटिव फेडरेशन) और हाउस ऑफ हिमालया के मध्य एमओयू किये जाने हेतु निर्देश दिए हैं। सीएस ने झंगोरा तथा चौलाई की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाने के सम्बन्ध में इनपुट कॉस्ट (लागत मूल्य ) का अध्ययन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
उत्तराखंड के अम्ब्रेला ब्राण्ड हाउस ऑफ हिमालया की मजबूती और स्थानीय उत्पादों की बेहतरीन मार्केटिंग के लिए मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर के बड़े स्थापित ब्राण्ड्स की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए हैं। सीएस ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों हेतु प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करने वाले हाउस ऑफ हिमालय के तहत उत्पादों की गुणवत्ता और प्रमाणीकरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, वी बी आर सी पुरूषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, चन्द्रेश कुमार, अरविन्द सिंह हयांकी, अपर सचिव मनुज गोयल तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज