भारतीय सेना का व्हाइट वाटर राफ्टिंग अभियान, सेवा और समर्पण की झलक
देहरादून, 07 जून (हि.स.)। भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट और आर्मी एडवेंचर विंग ने देश की सभी राफ्टेबल नदियों पर व्हाइट वाटर राफ्टिंग अभियानों की एक श्रृंखला शुरू की है। ये अभियान आर्टिलरी रेजिमेंट की द्विशताब्दी की तैयारी के रूप में आयोजित किया जा रहा है। आर्टिलरी रेजिमेंट की द्विशताब्दी 28 सितंबर 2026 को मनाई जाएगी।
श्रृंखला का पहला अभियान 25 मई से पांच जून तक रोमांचक यात्रा के बाद संपन्न हुआ। मंदाकिनी, अलकनंदा, भागीरथी और गंगा नदियों के चुनौतीपूर्ण बहाव को पार करते हुए यह अभियान छह चरणों में ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर- रुद्रप्रयाग अक्ष पर लगभग 300 किलोमीटर चला। लेफ्टिनेंट कर्नल बीएन झा के नेतृत्व में अभियान दल में दो अधिकारी, एक जूनियर कमीशंड अधिकारी और 21 अन्य रैंक शामिल थे। यात्रा रुद्रप्रयाग से शुरू हुई और ऋषिकेश में वीर भद्र बैराज पर समाप्त हुई।
जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस अभियान का प्राथमिक उद्देश्य सेवारत कर्मियों के बीच साहस और प्रेरणा की भावना पैदा करना, उन्हें अपनी सीमाओं से आगे बढ़ने, साहस अपनाने और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना था। टीम ने चुनौतीपूर्ण रैपिड्स और लुभावने परिदृश्यों को नौचालन करके उत्कृष्टता और टीम वर्क के प्रति भारतीय सेना की अटूट प्रतिबद्धता का भी प्रदर्शन किया। यह उपलब्धि भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट की दो शताब्दियों की सेवा और समर्पण दर्शाती है। भारतीय सेना उत्कृष्टता की अपनी परंपरा को जारी रखने, नए साहसिक कार्य करने और आने वाले वर्षों में मजबूत संबंध बनाने के लिए तत्पर है।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/सत्यवान/वीरेन्द्र