होली के गीतों के साथ उड़ रहे अबीर-गुलाल

 












- नगर और आसपास क्षेत्रों में विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजित किए गए कार्यक्रम

ऋषिकेश, 23 मार्च (हि.स.)। प्यार-प्रेम और रंगों का त्योहार होली के निकट आते ही नगर और आसपास क्षेत्रों में जगह-जगह होली मिलन के कार्यक्रमों की धूम है। कार्यक्रमों में होली के गीतों के साथ अबीर-गुलाल और फूलों की होली का खूब रंग जम रहा है।

ऋषिकेश प्रेस क्लब का होली मिलन समारोह देहरादून मार्ग स्थित वेडिंग प्वाइंट में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन टीएचडीसी के महाप्रबंधक कारपोरेट संचार एएन त्रिपाठी, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत गायक विजेंद्र वर्मा ने गणेश वंदना के साथ की। उन्होंने होली के गीतों के साथ सुंदर सदाबहार गजलों की प्रस्तुति से समा बांधा।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, निवर्तमान महापौर अनीता ममगांई ने शामिल होकर सभी को होली की बधाई दी। उन्होंने कहा कि होली का त्योहार आपसी सौहार्द का खूबसूरत त्योहार है। कार्यक्रम में जौनसारी कला मंच के कलाकारों ने गीत-संगीत और लोक नृत्य की सुंदर प्रस्तुतियां दी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ राधा-कृष्ण की झांकी और नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। सभी ने राधा-कृष्ण के साथ फूलों की होली खेली। महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास ने सभी कलाकारों को स्मृति चिह्न भेंट किए।

कार्यक्रम में क्लब के अध्यक्ष दुर्गा नौटियाल, महासचिव विनय पांडेय, हरीश तिवारी, विक्रम सिंह, अनिल शर्मा, मनोहर काला, सुदीप पंचभैया, जितेंद्र चमोली, राजेश शर्मा, आलोक पंवार, बचन पोखरियाल, कविता शाह आदि उपस्थित रहें।

उधर, श्री परशुराम महासभा के तत्वाधान में होली मिलन समारोह रुक्मणी माई धर्मशाला में आयोजित किया गया। इस अवसर पर गीत, भजनों और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर महासभा के अध्यक्ष संदीप शास्त्री, महासचिव अरुण शर्मा, आरडी गौनियाल, ओम प्रकाश शर्मा, संदीप बक्शी, विद्याव्रत शर्मा, राकेश कंडवाल, राजेश शर्मा, केके शर्मा, भारत भूषण बाली, डा. शशी कंडवाल, संरक्षक दीप शर्मा, अनीता रैना, रीना शर्मा आदि उपस्थित रहे।

श्यामपुर स्थित होटल में कुमाऊंनी सभा की ओर से होली मिलन कार्यक्रम में बैठकी और खड़ी होली का आयोजन किया गया है। कुमाऊं में शास्त्रीय रागों पर आधारित बैठकी और कदमताल के साथ खड़ी होली में समूहबद्ध होकर होली गायन हुआ।

शास्त्रीय रागों में काफी, जंगला काफी, विहाग, देश, जैजैवंती, परन, बागेश्वरी, श्याम कल्याण, परज, झिंझोटी, जोगिया, भैरवी, खम्माज, पीलू, बहार आदि रागों में होली गायन होता है। खड़ी होली में समूहबद्ध होकर गायन किया गया । इसमें दो पक्ष बनाए गये। एक पक्ष होली गायन शुरू करता है, तो दूसरा पक्ष उन स्वरों को दोहराता है। होली गायन में हारमोनियम, तबला, ढोलक, ढोल, दमाऊं, मजीरा, हुड़का समेत तमाम स्थानीय वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया गया।

इस मौके पर नंदन जोशी, विवेक तिवारी. गिरीश चंद्र सोठा, चंद्र शेखर पांडे, जगदीश पांडे, महेश पाठक, संजय बोरा, मुकुल दुर्गापाल, तारादत्त चंदोला, बाला दत्त पांडे, भुवन चंद्र फुलारा, भावेश जोशी, जगदीश चंद्र पांडेय,ललित चंदोला, कृष्णा तिवारी आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विक्रम/सत्यवान/रामानुज