लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे चार असिस्टेंट प्रोफेसर बर्खास्त
-विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की स्वीकृति के बाद आदेश जारी
देहरादून, 26 सितंबर (हि.स.)। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों में लम्बे समय से गैरहाजिर चल रहे चार असिस्टेंट प्रोफेसरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की स्वीकृति के बाद इस संबंध में शासन स्तर से आदेश जारी कर दिये गये।
राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापरक शिक्षा एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिये राज्य सरकार तमाम कोशिशों में जुटी है। राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ढांचागत सुधार के साथ ही शिक्षकों की कमी को दूर किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार अब लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को भी बख्शने के मूड में नहीं है। इसी क्रम में प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे चार असिस्टेंट प्रोफसरों की सेवा समाप्त कर दी गई है।
विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्षाें से नाैकरी से अनुपस्थित चल रहे इन प्राध्यापकों के तत्काल बर्खास्तगी की स्वीकृति दे दी है, जिसके उपरांत शासन स्तर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये। राजकीय सेवा से बर्खास्त इन असिस्टेंट प्रोफेसर में इन्द्रजीत सिंह, डॉ. नन्दिनी सिंह, एके राय और डॉ. नरेश मोहन चड्ढा शामिल हैं। भौतिक विज्ञान विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर इन्द्रजीत सिंह वर्ष 2004, डॉ. नरेश मोहन चड्ढ़ा वर्ष 2003, डॉ. नन्दिनी सिंह तथा ए.के. सिंह वर्ष 2004 से लगातार गैरहाजिर चल रहे थे। जिन्हें विभाग ने चेतावनी पत्र निर्गत कर पंद्रह दिन के भीतर ड्यूटी ज्वाइन करने अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। इसके बाद भी किसी भी प्राध्यापक ने विभागीय पत्रों का कोई भी जवाब नहीं दिया। जिसके उपरांत विभाग ने अवैध रूप से अनुपस्थित चल रहे इन असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई अमल में लाई जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार