चारधाम यात्रा की सुविधाओं और व्यवस्थाओं को परखेंगे स्वास्थ्य सचिव

 


-तीन दिवसीय रुद्रप्रयाग भ्रमण पर रहेंगे चारधाम यात्रा प्रभारी, खाद्य सामग्रियों की जांचेंगे गुणवत्ता

देहरादून, 19 मई (हि.स.)। उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव और चारधाम यात्रा के प्रभारी सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार आगामी 20 मई से 22 मई तक रुद्रप्रयाग जनपद भ्रमण पर रहेंगे। चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के साथ जायजा लेंगे और अधिकारियों की क्लास लगाएंगे। स्वास्थ्य सचिव के भ्रमण को लेकर हलचल बढ़ गई है और अधिकारी कमियां दुरुस्त करने में जुट गए हैं।

स्वास्थ्य सचिव 20 मई को सर्वप्रथम श्रीनगर से प्रस्थान कर 11 बजे सिरोबगड़ भूस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे। मध्यान्ह 12 बजे से अपरान्ह 2.30 बजे तक जिला अस्पताल व पार्किंग स्थल का निरीक्षण, स्थानीय लोगों से बातचीत कर पेजयल आपूर्ति, सफाई व्यवस्था भी परखेंगे। अपरान्ह 3.30 बजे से सायं सात बजे तक मार्ग में पड़ने वाले स्थलीय योजनाओं, आपदा निर्माण कार्यों के अंतर्गत सिंचाई, लघु सिंचाई विभाग के आपदा प्रबंधन कार्यों का निरीक्षण व खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ यात्रा मार्गों पर बिकने वाले खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता जांचेंगे। सायं सात बजे से आठ बजे गुप्तकाशी में हेली कंपनी के प्रबंधकों के साथ बैठक करेंगे, फिर लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस गुप्तकाशी पर रात्रि विश्राम करेंगे।

21 मई को प्रातः 10 से दोपहर 12 बजे गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक मार्ग में पड़ने वाले स्थलीय योजनाओं तथा आपदा निर्माण कार्यों के अंतर्गत सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के आपदा प्रबंधन कार्यों का निरीक्षण, यात्रा मार्गों पर बिकने वाले खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता जांचेंगे। अपराह्न 12:30 बजे से दो बजे तक स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत मेडिकल रिलीफ पोस्टों, दवाइयों व उपकरणों की उपलब्धता, तीर्थ यात्रियों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी लेंगे। साथ ही पशुपालन अधिकारियों से घोड़े-खच्चरों की स्वस्थता, उपलब्धता व दवाइयों के स्टॉक के संबंध में वार्ता व यातायात-पार्किंग इत्यादि को लेकर संबंधित अधिकारियों से निरीक्षण के उपरांत सायं 5:30 बजे से 7:30 बजे तक रुद्रप्रयाग कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। फिर 22 मई को प्रातः नौ बजे रुद्रप्रयाग से श्रीनगर मेडिकल कालेज के लिए प्रस्थान करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज