भारतीय रेल का स्वर्णिम युग, सच होने जा रहा पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना : धामी

 


- रेल नेटवर्क का हिस्सा बन रही वंदे भारत, आत्मनिर्भरता और आधुनिकता का है प्रतीक

- अछूते हिस्सों को रेल नेटवर्क से जोड़ने का चल रहा काम, विश्वस्तरीय बन रहे बुनियादी ढांचे

देहरादून, 26 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम भारतीय रेल के स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रहे हैं। भारतीय रेलवे को नए भारत की आकांक्षाओं और आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है।

देहरादून से टनकपुर, काशीपुर व कोटद्वार रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास शिलान्यास समारोह में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां ब्रॉड गेज रेल लाइनों से मानव रहित रेल क्रॉसिंग को खत्म कर भारतीय रेलवे को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया गया है तो भारतीय रेलवे की रफ्तार भी पहले से कहीं अधिक बढ़ चुकी है। आत्मनिर्भरता और आधुनिकता के प्रतीक चिन्ह के रूप में वंदे भारत जैसी मेड इन इंडिया ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा बन रही हैं तथा देश के अछूते हिस्सों को रेल नेटवर्क से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है।

रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और बदलते भारत का प्रतिबिंब है अमृत भारत स्टेशन योजना-

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई अमृत भारत स्टेशन योजना रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और बदलते भारत का प्रतिबिंब है। आज का नया भारत, एक नई गति और एक नई शक्ति के साथ आगे बढ़ रहा है तथा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार सभी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को विश्वस्तरीय बना रही है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन का 50 फीसदी से अधिक कार्य पूर्ण-

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तरखंड में बहुत से कार्य हुए हैं। उत्तराखंड में आज पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और स्पष्ट विजन के कारण ही आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन का 50 फीसदी से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है।

अन्य देशों में वंदे भारत ट्रेन की मांग-

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज जिस प्रकार से न केवल रेलवे, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाया जा रहा है। आज भारतीय रेल, इसका बदलता स्वरूप, विकसित देशों के रेल नेटवर्क को चुनौती देता है। यह देखकर गर्व की अनुभूति होती है जिसका साक्षात प्रमाण वन्दे भारत ट्रेन है और इस ट्रेन की मांग अब दूसरे देश भी करने लगे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज