प्रवासियों के हितों की रक्षा करेगा उत्तराखंड प्रवासी प्रकोष्ठ, दून में हुआ विदेश संपर्क-स्टेट आउटरीच कांफ्रेंस
- मुख्य सचिव बोलीं, प्रवासियों की सुविधा और कल्याण के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज की जानकारी जरूरी
देहरादून, 06 सितंबर (हि.स.)। विदेश मंत्रालय की ओर से देहरादून में विदेश संपर्क-स्टेट आउटरीच कांफ्रेंस आयोजित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि इस पहल से राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों व हितधारकों को केंद्र सरकार की ओर से प्रवासियों के हित में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मिलेगी। इस प्रयास से विभिन्न देशों में रहने वाले उत्तराखंड के प्रवासियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान में भी सहायता मिलेगी।
शुक्रवार को देहरादून में आयोजित विदेश संपर्क-स्टेट आउटरीच कांफ्रेंस के माध्यम से विदेश मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार के हितधारकों और अधिकारियों को वाणिज्य दूतावास और पासपोर्ट सेवाओं के लिए मंत्रालय की ओर से प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने तथा उनके कल्याण और संरक्षण के लिए उठाए गए कार्यक्रमों, योजनाओं व पहलों से अवगत कराया। कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार और विदेश मंत्रालय ने प्रवासियों से संबंधित मुद्दों और समस्याओं के समाधान के लिए आपसी सहयोग को मजबूत करने पर मंथन किया।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड के प्रवासियों की सुविधा के लिए उत्तराखंड प्रवासी प्रकोष्ठ बनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विदेशों में रह रहे उत्तराखंड के मूल निवासियों की शिकायतों के समाधान और उनके हितों की रक्षा के लिए एक प्रवासी बोर्ड गठित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के सन्दर्भ में विदेशों में शिक्षा के लिए जाने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रक्रियाओं, प्लेसमेंट एजेंसियों के सेंसटाइजेशन, सुरक्षित व कानूनी माइग्रेशन, वैवाहिक विवाद, मृतकों के पार्थिव अवशेषों की वापसी की प्रक्रियाओं की जानकारी, प्रवासियों के संबंध में डेटा शेयरिंग का विशेष महत्व है। हमारे लिए अन्य राज्यों द्वारा अपने प्रवासियों की सुविधा और कल्याण के लिए अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज की जानकारी भी जरूरी है। विद्यार्थियों तथा काम करने वालों के पंजीकरण की प्रक्रियाओं की जानकारी होनी भी आवश्यक है। हमारे समक्ष साइबर क्राइम भी एक बड़ी चुनौती है।
कांफ्रेंस में विदेश मंत्रालय से सचिव (सीपीवी एंड ओआईए) अरूण कुमार चटर्जी ने कहा कि विदेश संपर्क प्रोग्राम विदेश मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को गहरा करना तथा उनसे संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए राज्य सरकारों के साथ साझेदारी करना है। वर्ष 2017 से अब तक पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक की राज्य सरकारों के साथ आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।
संयुक्त सचिव (डीई) विदेश मंत्रालय अंकन बनर्जी ने प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ जुड़ाव, विदेश में भारतीय महिलाओं व छात्रों से संबंधित मुद्दे, एनआरआई-पीआईओ के अधिकार व कानूनी मुद्दे, राज्यों में एनआरआई संस्थान, प्रवासी भारतीयों के लिए विदेश मंत्रालय की योजनाओं तथा डेटा का संग्रह जैसे विषयों पर चर्चा की।
सयुंक्त सचिव (सीपीवी) विदेश मंत्रालय बिनॉय जॉर्ज ने विदेश में मरने वाले भारतीय नागरिकों के पार्थिव अवशेषों के परिवहन, काउंसलर शिकायत निवारण पोर्टल, उत्तराखंड में राज्य स्तर पर काउंसलर एक्सेस की प्रक्रिया, राष्ट्रीयता सत्यापन, विदेशियों तक काउंसलर एक्सेस व सजायाफता व्यक्तियों का स्थानांतरण जैसे विषयों पर चर्चा की।
अनु सचिव (ईडी) विदेश मंत्रालय रशेल गर्ग ने व्यापार व निवेश के अवसरों तथा चुनौतियों के संबंध में चर्चा की।
बैठक में उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सभी विभागीय सचिव, सभी जनपदों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व विदेश मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण